रायपुर, 20 सितम्बर। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ाई अब और सशक्त होने जा रही है। राजधानी रायपुर में वैदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित “मेडिकल सेंटर कॉनक्लेव” में देश-विदेश के 1200 से ज्यादा एक्सपर्ट्स जुटे। इस मंच पर ऑन्कोलॉजी, जनस्वास्थ्य, न्यूरोसाइंस और पॉलिसी मेकिंग से जुड़े 300 से अधिक इंटरनेशनल स्पीकर्स ने अपने विचार साझा किए।

कॉनक्लेव का मुख्य उद्देश्य था— कैंसर की रोकथाम, आधुनिक इलाज और हाई-टेक रिसर्च को आगे बढ़ाना। सत्रों में ई-हेल्थ, टेलीमेडिसिन और न्यूरल नेटवर्क जैसी तकनीकों पर खास चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनके परिजनों की मानसिक सेहत और जीवन की गुणवत्ता पर भी उतना ही ध्यान देना जरूरी है।
वैदांता फाउंडेशन की निदेशक डॉ. ज्योति अग्रवाल ने कहा— “कैंसर केवल इलाज का विषय नहीं, बल्कि रोकथाम और जागरूकता ही असली कुंजी है। समय पर जांच हो जाए तो आधी जंग पहले ही जीत ली जाती है।”
कैंसर सर्जन डॉ. शैलेश भोजराज ने भारत में समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। वहीं बीएमआरसी की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना श्रीवास्तव ने चेताया कि हाल के वर्षों में कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और अगर सामूहिक रणनीति नहीं बनी तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
यह कॉनक्लेव इस बात का प्रतीक बनकर सामने आया कि कैंसर से जंग अब केवल डॉक्टर और मरीज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज, तकनीक और नीतियों का साझा मिशन बन चुका है। रायपुर की धरती से उठी यह पहल मध्य भारत ही नहीं, पूरे देश के लिए नई उम्मीद साबित हो रही है।