छत्तीसगढ़ में स्कूलों की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त: बच्चों से मजदूरी, जर्जर भवन, प्लास्टर गिरने की घटनाओं पर मांगी रिपोर्ट

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मुंगेली और बिलासपुर में बच्चों के साथ हुई घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ और जर्जर भवनों में शिक्षा देना पूरी तरह अस्वीकार्य है।

दरअसल, मुंगेली जिले के बरदुली गांव स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल में 9 अगस्त को छत का प्लास्टर गिरने से दो छात्र हिमांशु और अंशिका दिवाकर घायल हो गए। घटना के बाद जांच में सामने आया कि स्कूल भवन जर्जर हालत में था, फिर भी यहां नियमित कक्षाएं चलाई जा रही थीं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर कुंदन कुमार ने तत्काल मौके का निरीक्षण किया और जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी किया।

वहीं, बिलासपुर के तखतपुर विकासखंड के चनाडोंगरी हाईस्कूल में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई, जहां ट्रांसफॉर्मर बदलने के दौरान स्कूली बच्चों से रस्सी खिंचवाने का काम कराया गया। इस घटना पर भी हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और संबंधित अफसरों से जवाब मांगा है। बिजली विभाग ने भी कार्रवाई करते हुए सकरी के एई योगेश साहू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

इसके अलावा रायपुर के एक स्कूल मैदान में मलबा डाले जाने की घटना पर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई। सरकार द्वारा सफाई की बात कहे जाने पर कोर्ट ने कहा कि मैदान पूरी तरह सुरक्षित हो, यह सुनिश्चित किया जाए। रायपुर के DEO को नया शपथपत्र देने का आदेश दिया गया है।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, चीफ जस्टिस सिन्हा की अध्यक्षता में हुई सुनवाई में कोर्ट ने शिक्षा सचिव से राज्य के सभी स्कूल भवनों की सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट 26 अगस्त तक मांगी है। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि किन भवनों को खतरनाक घोषित किया गया है और उनके लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं।

अब यह मामला जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर लिया गया है और इसकी अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

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