Bengaluru stampede- सरकार को नोटिस, अगली सुनवाई 10 जून को

 

बेंगलुरु।  पहली बार IPL विजेता बनने वाली रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का जश्न बुधवार को बड़े हादसे में बदल गया। विजेता खिलाड़ियों के स्वागत में यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई। 33 घायल हैं। सभी मरने वाले 35 साल से कम उम्र के थे, 3 टीनएजर हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस हादसे पर एक्शन लिया है। कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कहा, ‘भगदड़ के बाद घायलों को तुरंत इलाज मुहैया करवाया। 1380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए।’ बेंच ने अटॉर्नी जनरल एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 10 जून को होगी।

सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा के वकील ने IPL और बाकी जिम्मेदारों को नोटिस जारी करने की मांग की। इस पर बेंच ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट आने के बाद इस पर विचार किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने चिन्नास्वामी भगदड़ के कारणों का पता लगाने और भविष्य में इसे कैसे रोका जाए, इस विषय पर हमें कई लोगों से लेटर मिले हैं। इस पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया जा रहा है।

इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सी एम जोशी की बेंच ने की।

सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कब्बन पार्क थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में CM सिद्धारमैया, डिप्टी CM डीके शिवकुमार और कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

बेंगलुरु हादसे में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का प्रबंधन भी जांच के दायरे मे आ गया है। दरअसल, एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के कुछ घंटे पहले आरसीबी के सोशल मीडिया अकाउंट से विक्ट्री जुलूस का ऐलान किया गया था।

 भगदड़ की तस्वीरें…

इतना बड़ा हादसा क्यों और कैसे हुआ?

स्टेडियम में फ्री पास से एंट्री। पास आरसीबी की वेबसाइट से लेने थे। बुधवार को यह घोषणा होने के बाद बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट विजिट करने लगे तो साइट क्रैश हो गई। पास पाने वालों के साथ ही बिना पास के लोग भी स्टेडियम पहुंचे। इससे भीड़ का अंदाजा ही नहीं हो सका।

प्रारंभिक जांच के मुताबिक भीड़ ने स्टेडियम में घुसने के लिए गेट नंबर 12, 13 और 10 तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। नाले पर रखा स्लैब ढह गया। हल्की बारिश के बीच भगदड़ मच गई।

दोपहर लगभग 3:30 बजे भीड़ और बढ़ी तो सभी गेट बंद कर दिए गए। इससे पास वाले भी अंदर नहीं घुस पाए। हंगामा शुरू हो गया। गेट नंबर 10 पर स्थिति ज्यादा बिगड़ी। पुलिस ने महिलाओं-बच्चों को पीछे धकेला, कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं।   सरकार ने कहा, 5 हजार सुरक्षाकर्मी थे, लेकिन भीड़ बहुत थी। इसलिए विक्ट्री परेड नहीं हो सकी। सूत्रों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी 36 घंटे से ड्यूटी पर थे।