New system implemented: अब शराब निर्माताओं से राज्य सरकार ने शुरू की सीधी खरीदी

अब शराब निर्माताओं से राज्य सरकार ने शुरू की सीधी खरीदी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने अब सीधे निर्माताओं से शराब की खरीदी शुरू कर दी है। बताया गया है कि करीब 60 कंपनियों को पीओ (परचेस आर्डर) भी जारी कर दिए हैं। सरकार ने राज्य में शराब बिक्री की नई व्यवस्था को लागू करते हुए शराब की नई दरें तय करने के साथ उसे लागू भी कर दिया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि, पहले के मुकाबले रेट में आंशिक बदलाव आया है। आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की शेष अवधि 1 सितंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में विदेशी मदिरा की आपूर्ति के लिए विदेशी मदिरा के विनिर्माता, प्रदायकर्ता इकाईयों द्वारा रेट ऑफर में प्रस्तुत किए गए (लैंडिंग प्राइज) एवं सीएसबीसीएल क्रय दर का प्रशासकीय अनुमोदन किया है।

एफएल 10 लायसेंस समाप्त, अब सीधी खरीदी
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने पिछले दिनों हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में जारी सभी एफएल 10 लायसेंस निरस्त कर दिए थे। ये एफएल 10 लायसेंस उन लोगों को जारी किए जाते थे, जो शराब निर्माता कंपनियों से शराब खरीदी करके राज्य सरकार को सप्लाई किया करते थे। ये लायसेंस निरस्त होने के बाद सरकार ने सीधे शराब निर्माताओं से शराब खरीदी शुरू कर दी है। इस बदलाव के पीछे ये वजह बताई गई है कि बिचौलियों यानी एफएल 10 लायसेंस धारी से शराब खरीदने में कीमत अधिक लगती थी।

60 कपंनियों से हुआ है एग्रीमेंट
आबकारी विभाग ने सीधे निर्माताओं से शराब खरीदी के लिए निर्मताओं से रेट ऑफर मंगाए थे, रेट ऑफर को मंजूरी के बाद अब संबंधित कंपनियों से शराब खरीदने के लिए परचेस ऑर्डर भी जारी होने शुरू हो गए हैं। बताया गया है कि देशभर में प्रमुख शराब निर्माता कंपनियों के साथ बेवरेज कॉर्पोरेशन का अनुबंध (एग्रीमेंट) हो चुका है। यानि नई व्यवस्था के हिसाब से शराब खरीदी शुरु कर दी गई है। कोशिश ये भी रहेगी कि सरकारी शराब दुकानों में ग्राहकों की मांग के अनुरूप सभी ब्रांड उपलब्ध हों। दरअसल पिछले दिनों बिलासपुर जिले की कई शराब दुकानों की जांच में ये बात सामने आई थी कि ग्राहकों के लिए मनपंसद ब्रांड नहीं हैं, इसकी वजह से बिक्री कम और राजस्व प्रभावित हो रहा है।

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