पुराना महामाया की आवक अंतिम चरण में
भाटापारा। महामाया 1850 से 1900 रुपए क्विंटल। रबी फसल की पहली आवक से संकेत मिलने लगे हैं कि पोहा उत्पादन करने वाली इकाइयों को ऊंची कीमत पर ही पोहा क्वालिटी के धान की खरीदी करनी होगी। इधर पुराना महामाया की आवक अंतिम चरण में है।
लगातार दूसरा साल है, जब महामाया की खरीदी पर पोहा मिलों को बड़ी रकम लगानी पड़ रही है। बारिश के दिनों के लिए तैयारी कर रहीं इकाइयों को उम्मीद थी कि रबी फसल की कीमत कम होगी लेकिन यह अब लगभग टूटती नजर आ रही है क्योंकि पहली आवक को जैसा प्रतिसाद मिला, वह साफ संकेत दे रहा है कि तेजी के बीच ही खरीदी करनी होगी क्योंकि प्रतिस्पर्धा बनी हुई है।
धारणा मजबूती की
साल-दर-साल बढ़ रहा है महामाया का रकबा। अनुपात में इकाइयां भी बढ़ रहीं हैं। ताजा माहौल में इकाइयां बारिश के दिनों के लिए अग्रिम तैयारी कर रहीं हैं लिहाजा प्रतिस्पर्धी खरीदी का माहौल बनने लगा है। ऐसे में पोहा क्वालिटी के महामाया धान की नई फसल 1850 से 1900 रुपए क्विंटल पर खरीदी जा रही है। आवक के अंतिम दौर में पहुंचता पुराना महामाया में 2200 से 2300 रुपए क्विंटल के भाव बोले जा रहे हैं।
गर्म यह भी
हल्की टूट के बाद सरना में लिवाली 2000 रुपए क्विंटल पर हो रही है लेकिन धान की बारीक किस्में मजबूती की ओर इशारा कर रहीं हैं। मांग का दबाव बारीक चावल में बने रहने से एचएमटी धान 2800 से 2850 रुपए क्विंटल पर स्थिर है। सियाराम में भाव 3000 रुपए क्विंटल पर पहुंचा हुआ है, तो विष्णुभोग में आवक लगभग शून्य ही है। इसके बावजूद गर्मी यह भी दिखा रहा है।
अरहर 10 हजार
दलहन की लगभग सभी किस्मों की आवक बढ़त ले रही है लेकिन कीमत तेज ही है। अरहर में बोली 9000 रुपए से शुरू होकर 10000 रुपए क्विंटल पर बंद हो रही है। बटरी ने 5000 रुपए क्विंटल का, जो भाव अपने नाम लिखा हुआ है, उससे दाल बनाने वाली इकाइयां हैरत में हैं। साथ-साथ चलने वाला तिवरा 4000 से 4100 रुपए क्विंटल पर पहुंच चुका है। 5400 से 5500 रुपए क्विंटल पर चना स्थिर है।