छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी व प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 1.98 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति ऑनलाइन अंतरित की गई। यह कार्यक्रम मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित किया गया।

नई व्यवस्था और भुगतान का शेड्यूल
मुख्य सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति का भुगतान जून, सितंबर, अक्टूबर और दिसंबर में किया जाएगा।
पहले छात्रवृत्ति राशि केवल दिसंबर और फरवरी-मार्च में एक बार प्रदान की जाती थी। इस नई ऑनलाइन प्रणाली से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान आर्थिक समस्याओं से राहत मिलेगी।
आज अंतरित की गई राशि
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज:
- आश्रम-छात्रावास के 1,86,050 विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति की दूसरी किश्त के रूप में 79.27 करोड़ रुपए
- प्री. मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12,142 विद्यार्थियों को 5.38 करोड़ रुपए उनके बैंक खातों में अंतरित किए गए।

पहली ऑनलाइन भुगतान की शुरुआत
मुख्य सचिव बोरा ने बताया कि यह ऑनलाइन भुगतान पहल 10 जून 2025 को मुख्यमंत्री साय के हाथों शुरू की गई थी।
- शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पहले, 85 करोड़ रुपए की राशि पहली किश्त के रूप में जारी की गई, जिसमें प्री. मैट्रिक छात्रावास एवं आश्रमों के लिए 77 करोड़ और पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों के छात्रों के लिए 8.93 करोड़ रुपए शामिल थे।
- दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8,370 विद्यार्थियों को 6.2 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति ऑनलाइन प्रदान की गई।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।