मध्य प्रदेश में लॉन्च हुई नई आपातकालीन सेवा ‘डायल 112’, अब सभी इमरजेंसी नंबर होंगे एक

क्या है ‘डायल 112’?

  • यह एक स्मार्ट और बहु-एजेंसी आपातकालीन सेवा है, जो पुरानी ‘डायल-100’ प्रणाली को अपग्रेड करती है।
  • अब पुलिस (100), एम्बुलेंस (108), फायर ब्रिगेड (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेलवे हेल्पलाइन (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और चाइल्ड हेल्पलाइन (1098, 181) जैसी सभी इमरजेंसी सेवाएं केवल एक नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।
  • इसका उद्देश्य तेज और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने क्या कहा?

  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह सेवा जन-सुरक्षा में एक क्रांतिकारी कदम है।
  • अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीव शमी ने बताया कि यह प्रणाली आधुनिक तकनीक पर आधारित है और मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन को मजबूत करेगी।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

  • एक नंबर, कई सेवाएं – अब नागरिकों को अलग-अलग इमरजेंसी नंबर याद रखने की जरूरत नहीं।
  • फास्ट रिस्पॉन्स – आपात स्थिति में त्वरित मदद मिलेगी।
  • टेक्नोलॉजी बेस्ड – सिस्टम में रियल-टाइम ट्रैकिंग और ऑटोमेटेड डिस्पैचिंग की सुविधा होगी।

यह नई प्रणाली मध्य प्रदेश को और अधिक सुरक्षित और स्मार्ट राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब किसी भी आपात स्थिति में बस 112 डायल करें और तुरंत मदद पाएं।

नई डायल-112 प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं

1. प्रत्येक शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है।

2. PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो।

3. उन्नत बिज़नेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स।

4. नागरिकों और FRV के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने हेतु नंबर मास्किंग समाधान।

5. FRV के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर।

6. चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग।

7. नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स।

8. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ़्टवेयर, बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ।

9. पारदर्शिता के लिए FRVs में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था।


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