पुलिस अपराध दर्ज नहीं कर रही
भुवनेश्वर प्रसाद साहू
कसडोल- होटल , लाज या धरमशाला में ठहरना गैरकानूनी नहीं भारत में अविवाहित जोड़ों या 18 वर्ष से अधिक उम्र के कपल का होटल / लाज या धरमशाला में ठहरना गैरकानूनी नहीं है ! देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो अनमैरिड कपल को होटल में ठहरने से रोकता हो ! अनमैरिड कपल जिस तरह लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं , उसी तरह होटल , लाज या धरमशाला में भी रह सकते हैं ! कमरे के भीतर कपल सहमति से क्या करते हैं यह उनका निजी मामला है ! इसके कानून कोई हस्तक्षेप नहीं करता है ! ऐसा जरूर है कि कुछ होटल / लाज / धरमशाला अनमैरिड कपल को कमरा नहीं देते हैं और कुछ देते हैं ! यह होटल / लाज / धरमशाला के मालिकों के निजी विचार का मामला है ! कोई व्यक्ति किसके साथ रह रहा है यह राइट टू चॉइस और कहां रह रहा है यह राइट टू मूवमेंट के अंतर्गत आता है ! यह राइट टू लाइफ और लिबर्टी का भी पार्ट है ! जब तक आप किसी अश्लील गतिविधि या किसी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं होते तब तक पुलिस आपको होटल / लाज / धरमशाला या किसी सार्वजनिक स्थान पर होने के कारण गिरफ्तार नहीं कर सकती ! वैध पहचान पत्र होना ही पर्याप्त है ! आप जिस व्यक्ति के साथ रह रहे हैं उसके साथ संबंध दिखाने के लिए आपको अन्य सबूत प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है !
आजकल लोगों के मकान, दुकान की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा का आविष्कार किया गया है ताकि जीवन में घटित होने वाले किसी अप्रत्याशित घटना को वहां पर उपस्थित न होने के बावजूद भी हम देख सकें और उसका उपयोग सुरक्षात्मक उपायों को बढाने के लिए कर सके ! पर आजकल इसका दुरुपयोग कर कुछ लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि पुलिस एफआईआर दर्ज करने में
आना -कानी करती है !
अगर किसी पड़ोसी का सीसीटीवी कैमरा सीधे आपके घर की तरफ इशारा कर रहा है तो इसे निजता का हनन माना जा सकता है ! अगर कोई कैमरा सीधे आपकी संपत्ति की तरफ इशारा कर रहा है जबकि ऐसा करने का कोई कारण स्पष्ट नहीं है तो निगरानी स्थापित करने के पीछे की मंशा के बारे में चिंताएं पैदा हो सकती है !
सीसीटीवी कैमरा किसी की निजी संपत्ति के आसपास निगरानी के लिए नहीं लगा सकते !
किसी व्यक्ति की निजता का हनन करने वाले सीसीटीवी कैमरे लगाना दंडनीय अपराध हैं ! अधिनियम की धारा 66 ई निजता के उल्लंघन से संबंधित है और इसमें 3 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है !
पर कुछ लोग कानून को अपनी जेब में रखकर चलते हैं ऐसा लगता है ! शायद इसीलिए बलौदाबाजार जिला कसडोल नगर के बलार रोड में एक मकान में रहने वाले परिवार के लोगों व मकान के नीचे में संचालित श्री जगन्नाथ लॉज धरमशाला में आने जाने वाले लोगों की निगरानी लिए बद्री प्रसाद , दुर्गा प्रसाद ,रामप्रसाद , श्रीमती अनीता , श्रीमती ललिता ,श्रीमती लक्ष्मी और उनकी मां सावित्री बाई उर्फ शहरमति द्वारा सामूहिक रूप से एक राय होकर सीसीटीवी कैमरा अपने मकान में लगाया गया है जिसमें सीसीटीवी कैमरा का मूवमेंट्स उनके मकान के सामने के निजी मकान की ओर है ! जिसमें नीचे में श्री जगन्नाथ लाज धर्मशाला संचालित है और ऊपर में मकान मालिक के परिवार व अन्य लोग ( फैमिली) रहते है !
दिनांक 27 नवंबर , दिन बुधवार को अपने घर के बाजू , दूसरे के घर के सामने नीम के पेड़ पर सीसीटीवी कैमरा लगाया था जो कि सामने श्री जगन्नाथ लाज / धर्मशाला और इसके ऊपर में रहने वाले मकान मालिक के परिवार और अन्य लोगों को पूरी तरह कवर करता है और जगन्नाथ लाज धर्मशाला में आने-जाने वाले लोगों का वीडियो रिकॉर्डिंग और आवाज कैप्चर करता है ! जो की पूर्णता अवैधानिक कृत्य है और यह संविधान द्वारा लोगों को दिए गए निजता के अधिकारों का उल्लंघन है ! संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार लोगों की निजता को भंग करने के लिए कोई भी व्यक्ति अपने घर में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा सकता है , अपने घर में लगाए निजी सीसीटीवी कैमरा से अपने पड़ोसी के मकान को नहीं देख सकता !
इसकी तत्काल शिकायत श्री जगन्नाथ लाज धरमशाला के संचालक और ऊपर में रहने वाले मकान मालिक व परिवार के लोगों ने बलौदाबाजार पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप के जरिए की ! जिस पर अधिकारी द्वारा कसडोल पुलिस टीआई रितेश मिश्रा को तत्काल निर्देश दिया गया और उन्होंने आकर तत्काल पेड़ पर लगे सीसीटीवी कैमरे को निकलवा दिया और समझाईश दी कि आप अपने मकान में लगा सकते हैं पर इन बातों का बद्री प्रसाद , दुर्गा प्रसाद , राम प्रसाद और उसके सहयोगियों ने अलग ही अर्थ लगाया और पुनः जो सीसीटीवी कैमरा पेड़ पर लगवाया था उसे अपने मकान पर लगाकर सीसीटीवी कैमरे का मूवमेंट पहले की तरह पुनः श्री जगन्नाथ लाज धर्मशाला और उसके ऊपर में रहने वाले मकान मालिक व परिवार के लोगों की ओर कर दिया क्योंकि दुर्गा प्रसाद साहू का कहना है कि उसका साढ़ू ( साली का पति ) पुलिस में डीएसपी है इसलिए कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता ?
क्या सचमुच ऐसा ही कानून है हमारे देश में ? कि कोई लगातार कानून का उल्लंघन करें और पुलिस उसके खिलाफ एफ आई आर भी दर्ज न कर सके ? अपराध की गंभीरता को अनदेखा करने से यही अपराध आगे चलकर गंभीर रूप ले लेता है और किसी की जान पर बन आती है ! लोग क्षणिक आवेश में आकर एक दूसरे की जान ले लेते हैं ! इसलिए कसडोल पुलिस को गंभीरता के साथ इन अपराधियों पर एफआई आर दर्ज करना चाहिए !
अब देखने वाली बात यह है कि इस समाचार प्रकाशन के बाद बद्री प्रसाद , दुर्गा प्रसाद , राम प्रसाद , श्रीमती अनीता , श्रीमती ललिता , श्रीमती लक्ष्मी और उसकी मां सावित्रीबाई पर कसडोल पुलिस सीसीटीवी कैमरा के मूवमेंट्स को श्री जगन्नाथ लॉज धर्मशाला और उनके परिवार की ओर करने के लिए धारा 66 ई और अन्य धाराओं के अंतर्गत कब तक अपराध दर्ज कर पाती है और इन्हें कब गिरफ्तार करती है?