Nagar Panchayat Kasdol : नगर पंचायत कसडोल, तहसील कार्यालय के सामने लगे वाटर एटीएम में बूंद भर भी पानी नहीं !
तीन चार वर्ष पूर्व लगाए गए वाटर एटीएम केवल शो पीस बना
भुवनेश्वर प्रसाद साहू
कसडोल समाचार
कसडोल नगर पंचायत तहसील कार्यालय के सामने आम जनों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वाटर एटीएम प्रशासन और संबंधित कंपनी की लापरवाही की वजह से अपने मूल उद्देश्य से पूरी तरह से भटक चुके हैं !
इसकी वजह से बीते कई दिनों से नगर के तहसील कार्यालय के सामने लगे एटीएम में पानी ही नहीं है !
कुछ दिनों पूर्व जब वाटर एटीएम में पानी आता था
तब तक तहसील कार्यालय में कार्य लेकर आने वालों व राहगीरों के लिए यह स्थान बहुत कारगर स्थान था ! जहां लोगों को आसानी से पेयजल प्राप्त हो जाता था !
परंतु बीते कई महीनों से वाटर एटीएम से एक बूंद भी पानी नहीं निकल रहा ! जिसकी वजह से नगर पंचायत कसडोल , तहसील कार्यालय में दूर- दराज गांवों से कार्य के लिए आने वाले व राहगीरों को समेत आम जनों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है !
ज्ञात हो कि नगर के इकलौते मुख्य मार्ग के किनारे कसडोल नया बस स्टैंड के पास तथा व्यवहार न्यायालय वर्ग 1 , जनपद पंचायत एवम् तहसील कार्यालय के सामने कुछ वर्ष पूर्व वाटर एटीएम की स्थापना की गई थी !
इस वाटर एटीएम को यहां पर स्थापित करने का उद्देश्य , लोगों को सहज रूप से साफ सुथरा पानी उपलब्ध कराना था ! इसकी योजना पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई थी !
तब रायपुर से ही इसके संचालन के संबंध में एजेंसी भी निर्धारित की गई थी ! एजेंसी के पश्चात नगर पंचायत कसडोल के तहसील कार्यालय के सामने वाटर एटीएम की स्थापना के लिए स्थान लिया गया और वाटर एटीएम केबिन की स्थापना ,
संचालन आदि सभी निर्धारित एजेंसी द्वारा ही अब तक किया जाता रहा है ! छत्तीसगढ़ में शहरी इलाकों की आम जनता को सस्ती दर पर शुद्ध पीने का पानी मुहैया हो सके , इसके लिए सरकार ने वाटर एटीएम
लगाने को मंजूरी तो दी थी , इस योजना के तहत एक कार्ड भी प्रदान किया जाना था ! जिसे बाद में निर्धारित मॉनिटर के सामने दिखाए जाने पर 1 लीटर शीतल जल निकलता !
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने शायद इसीलिए कहा था
केंद्र सरकार जनता को अगर एक रूपये भेजती है तो अनेक लोगों के हाथों से गुजरते हुए 10 पैसे जनता तक पहुंचता है !
कहने का तात्पर्य यह है कि एसी रूम में बैठकर शासन के प्रमुख अधिकारी योजनाएं तो अच्छी बनाते हैं और इसके लिए उन्हें मोटी तनख्वाह भी दी जाती है पर वास्तविक धरातल में योजनाएं आकार नहीं ले पाती !