Nagar Panchayat Charama 19 लाख पानी में बह गए समस्या ज्यों के त्यों

Nagar Panchayat Charama

अनूप वर्मा

 

Nagar Panchayat Charama बजबजाती नालियों के बदबू से कब मिलेगी लोगों को राहत

Nagar Panchayat Charama चारामा ! नगर पंचायत चारामा के वार्ड क्रमांक 15 में पानी निकासी की समस्या का अंत नही हो पा रहा हैं। वर्षों पुरानी पानी निकासी की समस्या के समाधान के लिए जैसे तैसे शासन से राशि मिलते ही मोहल्लेवासियों ने सोचा था,की शायद अब उनकी समस्या का अंत होगा,और बजबजाती नालियों के बदबू से अब उन्हें राहत मिलेगी। पर नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी की लापरवाही और अधिक कमीशन कमाने के चक्कर में बिना अनुभवी ठेकेदारों को कम सौंपने वाले जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते 19 लाख से अधिक की राशि खत्म होने के बाद भी उसी समस्या के साथ वार्डवासीयो को जीना पड़ रहा हैं।

Nagar Panchayat Charama 19 लाख पानी में बह गए समस्या ज्यों के त्यों जानकारी के अनुसार नगर पंचायत चारामा के वार्ड क्रमांक 15 में नालियों में पानी निकासी नहीं होने से हमेशा पानी जाम रहता था। बारिश के दिनो में भारी बारिश में पानी नालियों से ओवर फ्लो होकर वार्ड की सड़क और लोगों के घरों में घूस रहा था।

परेशान वार्ड वासियों के द्वारा बार बार इस समस्या को नगर पंचायत और कई बार समाचार पत्रों में भी समस्या को प्रमुखता से उठाकर समस्या को शासन तक पहुंचाने का प्रयास किया । अंततः शासन की और से नगर पंचायत चारामा को विभिन्न कार्यों के साथ वार्ड में पुनः नाली और सड़क हेतु राशि दी गई।

सिर्फ हाईवे से लगभग 400 से 500 मीटर अंदर वार्ड हेतु नाली निर्माण के लिए 19लाख 4 हजार की राशि दी गई। जिसके लिए टेंडर की प्रक्रिया अगस्त 2022 में पूर्ण हुई। उसके बाद काम शुरू हुआ और लगभग दिसंबर जनवरी माह में काम पूर्ण हुआ।

जिसका पूरा भुगतान नगर पंचायत के द्वारा ठेकेदार को दिया भी जा चुका हैं। महज एक से दो माह ही हुए हैं नाली को निर्माण हुए,अब लापरवाही कहे या अनुभवहीनता या कमीशन खोरी वार्ड के लेबल को मेंटेन करते हुए नाली के पानी को हाईवे की नली तक ले जाना या हाईवे की नाली में जोड़ना था।ताकि पूरे वार्ड का पानी आसानी से नाली की ढाल के साथ बह सके,लेकिन ऐसा नहीं हुआ,अनुभवहीन ठेकेदार से काम लेने के चलते पानी की ढाल सही नही बनी। पानी आज भी पूर्व की तरह नाली में पानी जाम होकर ओवर फ्लो होकर सड़क पर फेल रहा हैं।

अब सवाल यह हैं की नाली निर्माण के समय नगर पंचायत इंजीनियर ने कहा था कि उनके द्वारा नाली निर्माण की गुणवत्ता और ढाल पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। जिस ठेकेदार को नगर पंचायत ने उसके अनुभव के हिसाब से काम दिया !
हालाकि नगर पंचायत अधिकारी दादू पाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की अभी कार्य का फाइनल या अंतिम भुगतान नहीं हुआ हैं,20% राशि रोकी गई हैं।जिससे नाली का सही तरीके से निर्माण कराया जायेगा। वही यह भी जानना जरूरी हैं की इतने बड़े टेंडर को नगर पंचायत के द्वारा अनुभवहीन ठेकेदारों को क्यों और किस आधार पर दिया जाता हैं। नगर पंचायत चारामा के अध्यक्ष और उनके पार्षद शासन के निर्धारित टेंडर की प्रक्रिया को सिर्फ कागजों में अदा करते हैं। यानी बंद कमरे में जनता के हितों के कामों को कमरे में बैठकर पार्षदों और उनके खास लोगों को बांट दिया जाता हैं।

अब जिन लोगों को ठेकेदारी का कोई अनुभव ही नही हैं,वे काम करते हैं।यानी कागजों में काम नंबर 01 में होता हैं पर धरातल पर काम की कोई गुणवत्ता नही ! अब यह इंजीनियर को अपनी भूमिका निभानी थी,लेकिन वे कहा नदारद हो गए ,ये जांच का विषय हैं।लेकिन कार्यवाही तो ठेकेदार पर भी होनी चाहिए जो अपने लाइसेंस को कमीशन के लिए गैर अनुभवी लोगों को देकर काम की गुणवत्ता को दाव पर लगाकर अपना नाम खराब करने में लगे हुए हैं।

नगर पंचायत के लगभग सभी वार्डो में प्रक्रिया के तहत गैर अनुभवी लोगों ने काम कर शासन के पैसे का दुरुपयोग किया हैं।और नगर पंचायत वासियों को परेशान। चाहे वह सरार तक नाली निर्माण हो या गौरव पथ, अनियमितता बन चुका हैं नगर पंचायत। फिलहाल शासन प्रशासन को इस और ध्यान देने की आवश्यकता हैं ताकि जनता को सुविधाएं मिल सके और पैसे का दुरुपयोग न हो ।इस पर क्या कार्यवाही होती हैं।यह भी देखने वाली बात होगी।तभी लापरवाह अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदारों की जवाबदारी तय हो पाएगी,नही तो मनमानी जारी रहेगी।

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