Mythological Heritage Mahakal Shivling 11 वीं शताब्दी के शिवलिंग को संरक्षित करने की आवश्यकता ईटीवी की भारत की टीम ने खोज निकाला
Mythological Heritage Mahakal Shivling दंतेवाड़ाः स्वदेश की टीम ने दंतेवाड़ा में 11 वीं शताब्दी की पौराणिक धरोहर महाकाल शिवलिंग को खोज निकाला है. पुजारी वीरेंद्र नाथ जीया ने किया है. दंतेवाड़ा मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर जियापारा स्थिति सरोवर के पास 11वीं शताब्दी का शिवलिंग मिला. देख रेख के आभाव में यह शिवलिंग उपेक्षा का शिकार है जबकि इसकी जानकारी मंदिर के पुजारियों द्वारा टेंपल कमेटी जिला प्रशासन पुरातत्व विभाग को दी जा चुकी है
पुजारी वीरेंद्र नाथ जीया ने कहा है कि 11वीं शताब्दी के शिवलिंग को संरक्षित करने के लिए दंतेश्वरी टेंपल कमिटी और जिला प्रशासन को पहल करनी होगी. जिससे पौराणिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके.
पुजारी वीरेंद्र जीया ने बताया कि “जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर जिया पारा में यह शिवलिंग है. लेकिन इस दुर्लभ शिवलिंग की सुध जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने नहीं ली है. इसे मंदिर में स्थापित कर इसकी पूजा अर्चना करनी चाहिए. हर साल शिवरात्रि पर आस पास के लोग यहां पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं. पुजारी ने बताया कि इसे हम 11 वीं शताब्दी का इसलिए कह रहे हैं कि दंतेश्वरी मंदिर के पीछे भैरव बाबा मंदिर में इसी आकार के शिवजी विराजमान हैं. जिनका आकार भी इसी शिवलिंग की तरह है जिससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि यह शिवलिंग भी 11 वीं शताब्दी का ही है”
शिवलिंग को संरक्षित करने की मांगः पुजारी वीरेंद्र नाथ जी क कहना है कि इस शिवलिंग को संरक्षित करने के लिए दंतेवाड़ा के कलेक्टर को पत्र लिखा गया है. कलेक्टर विनीत नंदनवार ने हमें आश्वस्त किया है कि आने वाली शिवरात्रि तक यहां एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा. जिससे इस पौराणिक धरोहर को हम संरक्षित कर सकते हैं. तालाब के सौंदर्य पर भी ध्यान दिया जाएगा. जिससे यहां शिवलिंग के दर्शन करने दूर-दूर से भक्तगण पहुंचे और भोलेनाथ के दर्शन कर सकें. मंदिर के पुजारी विरेंद्र नाथ जीया आने स्वदेश की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से ही इस पुरानी धरोहर को सबके सामने लाकर संरक्षित कर सकते हैं.’
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इस विशाल मां शिवलिंग के पीछे कई पुराने रहस्य छुपे हुए हैं जिनको खोज निकालने की आवश्यकता है