KIMS Super Specialty Hospital : पैतृक संपत्ति से अलग करने मां और भाई ने फर्जी दस्तावेज बनाकर की साजिश

KIMS Super Specialty Hospital :

KIMS Super Specialty Hospital :  किम्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बिलासपुर का मामला

 

KIMS Super Specialty Hospital :  बिलासपुर । सिविल लाइन थानांतर्गत मगरपारा चौक स्थित किम्स अस्पताल के डायरेक्टर को पैतृक संपत्ति से अलग करने के लिए उनकी मां और भाई ने दस्तावेज में कूटचरना कर कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया। उन्होंने राजस्व और जिला न्यायालय में कोई वसीयत नहीं होने की जानकारी दी और बाद में हाईकोर्ट में खुद के नाम पर वसीयत होने का शपथ पत्र पेश कर दिया। इतना ही नहीं, अस्पताल से डायरेक्टर के वेतन 1.80 करोड़ का भुगतान किए बिना शासन को टीडीएस काटकर भेज दिया। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी मां-बेटे और अस्पताल के एकाउंटेंट के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

सिविल लाइन पुलिस के अनुसार किम्स अस्पताल मगरपारा के डायरेक्टर डॉ. वाई राज शेखर कृष्णा पिता डॉ. वाईआर कृष्णा ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि वे अस्पताल में सीनियर अस्थि रोग विशेषज्ञ और अस्पताल के डायरेक्टर हैं। उनके पिता डॉ. वाईआर कृष्णा की 7 अगस्त 2020 को मृत्यु होने के बाद उनके छोटे भाई डॉ. वाई रविशेखर और मां वाई कमला ने छल-कपट करते हुए फर्जी दस्तावेज नजूल कोर्ट में प्रस्तुत किया और पिता की संपत्ति से उनका नाम हटाकर सिर्फ दोनों (मां और छोटे भाई) का नाम पर संपत्ति दर्ज कराई थी। इस मामले में सिविल लाइन पुलिस ने 14 अक्टूबर 2021 को डॉ. वाई रविशेखर और वाई कमला के खिलाफ अपराध दर्ज किया था।

 

 

यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। फर्जी आदेश को डॉ. वाई राज शेखर ने नजूल अधिकारी के सामने पेश किया था। इस पर तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर जयश्री जैन ने 27 जून 2022 को आदेश जारी किया था, जिसमें यह कहा गया था कि वाई कमला, वाई रवि शेखर ने न्यायालय के समक्ष असत्य और झूठा कथन करते हुए केवल उन्हें ही मृतक लीज धारक के जीवित वैद्य उत्तराधिकारी होने का दावा किया था। इस मामले में नजूल अधिकारी के सामने डॉ. वाई रविशेखर और वाई कमला ने तीन अलग-अलग शपथ पत्र में बयान दिए थे कि डॉ. वाईआर कृष्णा ने कोई वसीयत नहीं की थी। इसके बाद दोनों ने 24 फरवरी 2021 को जिला कोर्ट स्थित प्रथम व्यवहार न्यायाधीश के समक्ष शपथ पत्र देते हुए डॉ. वाई आर कृष्णा द्वारा अपने जीवन काल में किसी प्रकार की वसीयत नहीं करने की बात स्वीकार की थी। इस शपथ पत्र में दोनों ने डॉ. वाई राजशेखर के फर्जी हस्ताक्षर किए थे।

 

हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर किया दावा,हमारे नाम पर है वसीयत

हाईकोर्ट में शपथ पत्र के साथ पेश कर दी वसीयत वाई कमला और डॉ. रविशेखर ने 25 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण में शपथ पत्र के साथ मृतक डॉ. वाईआर कृष्णा की वसीयत पेश कर दी। वसीयत 13 अप्रैल 2019 को बनाए जाने की जानकारी दी गई थी।

ढाई साल से नहीं दिया वेतन, टीडीएस का करते रहे भुगतान

 

शिकायत में डॉ. वाई राजशेखर ने बताया कि वे लगातार किम्स अस्पताल में कार्यरत होने के साथ डायरेक्टर भी हैं। पिछले ढाई वर्षों से किम्स प्रबंधन की ओर से उनके वेतन भुगतान में अनियमितता की जा रही है। अक्टूबर 2022 से उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। अब तक उनके वेतन की राशि 1.80 करोड़ रुपए से अधिक है। जबकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से भारत सरकार को उनके नाम की सैलरी की टीडीएस राशि का लगातार भुगतान किया जा रहा है। टैक्स का भुगतान का भार उनके ऊपर आ रहा है। मांग करने पर अस्पताल के एकाउंटेंट सुधाराम और डायरेक्टर डॉ. वाई रविशेखर व वाई कमला कोई दस्तावेज नहीं दे रहे हैं। डॉ. वाई राजशेखर ने अस्पताल के एकाउंटेंट सुधा राम, डायरेक्टर डॉ. रविशेखर और वाई कमला पर भारत सरकार को गलत जानकारी भेजने के साथ फेक एकाउंट बनाकर उनके वेतन को जमा करने और अनार्थिक गतिविधियिों में उपयोग करने का आरोप लगाया है।

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KIMS Super Specialty Hospital :   इन धाराओं के तहत मामला दर्ज : शिकायत पर जांच के बाद पुलिस ने आरोपी डॉ. वाई रविशेखर, वाई कमला और एकाउंटेंट सुधाराम के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।