स्कूल मरम्मत कार्यों का विधायक ने लिया संज्ञान
नए बिल्डिंग से ज्यादा राशि मरम्मत के लिए जारी
भानुप्रतापपुर। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत भानुप्रतापपुर विकासखंड के अंतर्गत सैकड़ो जर्जर स्कूलों की मरम्मत कार्य के लिए करोड़ो की राशि आबंटित की गई है। लेकिन अधिकांश स्कूलों में मरम्मत कार्य के नाम से खानापूर्ति करते हुए भ्रष्टाचार किया गया है। रोजाना अखबारों में खबरें प्रकाशित होने व ग्रामीणों की शिकायत पर जिला स्तरीय टीम के द्वारा पूरे जिले में हुए मरम्मत कार्यों की जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 15 दिवस के भीतर विभाग को सौंप दी जाएगी। इस कार्य की वित्तीय देखरेख शिक्षा विभाग वहीं तकनीकी शाखा का कार्य आरईएस विभाग से संचालित हो रहा है। दोनों ही विभाग के अधिकारी मोटी कमीशन लेकर ठेकेदार के गुणवत्ताहीन कार्यों में पर्दा डालते हुए स्कूल जतन योजना में पतीला लगा रहे हैं। स्थानीय विधायक ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है और जल्द ही अधिकारियों की बैठक लेने की बात कही है।
ज्ञात हो कि सोमवार को पत्रकारों की टीम जब स्कूल जतन योजना के कार्यों की पड़ताल पर निकली तो ग्राम केवटी के प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, ग्राम परवी व खड़का प्राथमिक शाला, भुरका प्राथमिक शाला, झालापारा प्राथमिक शाला स्कूलों में अधूरे व गुणवत्ता हीन कार्य किये पाए गए। बारिश के पहले से ही इन स्कूलों में कार्य बंद पड़े हुए हैं, वहीं जितना कार्य ठेकेदार ने किया है उससे अधिक का भुगतान किया जा चुका है। शासकीय प्राथमिक शाला केवटी में मरम्मत हेतु 6 लाख 94 हजार जारी हुआ था। ठेकेदार के द्वारा स्कूल के अंदर व सामने एक कोट पुट्ठी किया गया है वही पीछे पोताई किया गया जो बारिश में धूल गया। अतिरिक्त कक्ष में टाइल्स लगाया गया है लेकिन छत का काम नही किया गया है, जिससे बारिश के दिनों में पानी टपकता है।
हमारी सरकार ने दी थी स्कूलों को प्राथमिकता
भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मण्डावी ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने जर्जर स्कूलों को प्राथमिकता के तौर पर लिया था और उनकी मरम्मत हेतु करोड़ो का बजट लाया। लेकिन भाजपा सरकार आते ही इस महत्वकांक्षी योजना में पलीता लगा रही है। आपके समाचारों के माध्यम से स्कूलों में गुणवत्ताहीन कार्यों की जानकारी मिल रही है। इस सम्बन्ध में अधिकारियों की बैठक लेकर जानकारी ली जाएगी और गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने कहा जायेगा। स्कूल जतन योजना में बिल्कुल भी कोताही नहीं बरती जाएगी। पूरे विधानसभा के स्कूलों को प्रदेश में मॉडल के रूप में जाना जाएगा।
नए भवन के लिए जितनी राशि उतने में सिर्फ मरम्मत
शिवसेना नेता चन्द्रमौली मिश्र ने बताया कि स्कूल जतन योजना में जितने पैसे में एक बिल्डिंग का निर्माण हो जाता है उससे ज्यादा पैसे में रिपेयरिंग किया गया है। मान लीजिए किसी नए बिल्डिंग निर्माण की कुल लागत 8 लाख है। उस 8 लाख के बिल्डिंग के मरम्मत हेतु स्कूल जतन योजना में 11 लाख रुपए निकाला गया है। अधिकारी ठेकेदार मिलकर बिल्डिंग में थूक पॉलिश कर पैसा खा गए। भूपेश बघेल सरकार के समय इस पर खूब बातें उठी। लोगों ने सरकार बदल के सोचा चलो यह जांच करेंगे, किंतु यह भी आकर इस पर जांच करने की बात नहीं कह रहे हैं। चोर-चोर मौसेरे भाई हो गए हैं।
कार्य से अधिक राशि का हो गया भुगतान
माध्यमिक शाला केवटी में शाला मरम्मत के नाम पर 11 लाख 40 हजार रुपये मीले हैं जिसमे पुट्ठी, टाइल्स, खिड़की, दरवाजा, ऊपर छत, किचन शेड, सायकल स्टैण्ड, सामने चेकर टाइल्स का काम किया जाना था। लेकिन एक साल में मात्र टाइल्स, एक कोट पुट्ठी एवं खिड़की का काम ही किया गया है। बाकी काम आज भी धूरा पड़ा हुआ हैं और ठेकेदार दुबारा स्कूल की तरफ मुड़कर भी नहीं देख रहे हैं। इसी तरह शासकीय प्राथमिक शाला भुरका में मात्र स्कूल के चारो ओर फेंसिंग तार से घेरा किया गया है। बाकी मरम्मत कार्य अब तक शुरू नही किया गया है। शासकीय प्राथमिक शाला खरका में स्कूल मरम्मत के नाम से 9 लाख 40 हजार रुपये जारी हुए हैं व प्राथमिक शाला झालापारा में 8 लाख 89 हजार रुपए स्वीकृति मिली है। जिसमे कार्य की गुणवत्ता राशि के अनुसार बहुत कम है। जितना कार्य ठेकेदारों ने किया है उससे अधिक का मूल्यांकन कर भुगतान करा दिया गया है।