पहली बार किसी भारतीय को जगह नहीं
वॉशिंगटन डीसी
टाइम मैगजीन ने बुधवार को साल 2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी की। इसमें बांग्लादेश सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस को जगह मिली है। हालांकि इस बार लिस्ट में किसी भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया है। पिछले 21 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है।
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने टाइम मैगजीन में मोहम्मद यूनुस के लिए लिखा कि वह बांग्लादेश को मुश्किलों से बाहर निकाल रहे हैं और मानवाधिकारों को बहाल कर रहे हैं। यूनुस जवाबदेही की मांग करने के साथ ही स्वतंत्र समाज की नींव रख रहे हैं।
प्रभावशाली लीडर्स में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कारोबारी इलॉन मस्क को भी जगह मिली है। इस बार ट्रम्प प्रशासन के छह सदस्य लिस्ट में शामिल हैं। ट्रम्प को इससे पहले टाइम मैगजीन ने 2016 और 2024 के लिए पर्सन ऑफ द ईयर चुना था।
2025 की लिस्ट में मशहूर सिंगर ईडी शिरीन, अमेरिकी एक्टर और सिंगर स्कारलेट जोहानसन, मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग को भी शामिल किया गया है।
मोहम्मद यूनुस लिस्ट में सबसे बुजुर्ग, 22 साल के फ्रांसीसी तैराक सबसे युवा
इस साल मैगजीन ने कुल 6 कैटेगरी में 32 देशों के लोगों को शामिल किया है। लिस्ट में शामिल 22 साल के फ्रांसीसी तैराक लियोन मर्चेंड सबसे युवा प्रभावशाली हस्ती हैं, जबकि 84 साल के मोहम्मद यूनुस सबसे बुजुर्ग।
TIME 100 लिस्ट 2004 से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है। इस लिस्ट को कई कैटेगरी में बांटा जाता है। जैसे लीडर्स, आइकन्स, टाइटन्स, इनोवेटर्स और आर्टिस्ट्स। हर साल टाइम के एडिटर और एक्सपर्ट्स नामों का चयन करते हैं।
पिछले 21 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी भारतीय को इस लिस्ट में जगह नहीं मिली है। इससे पहले 2024 में टाइम की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में भारत से जुड़े 8 लोग शामिल थे, जिनमें आलिया भट्ट, साक्षी मलिक, सत्या नडेला, अजय बंगा, देव पटेल, जिगर शाह, अस्मा खान और प्रियंवदा नटराजन का नाम था।
भारतीय मूल की रेशमा इस लिस्ट में शामिल
इस साल भारतीय मूल की रेशमा केवलरमानी को इस लिस्ट में जगह दी गई है। रेशमा फार्मास्यूटिकल कंपनी वर्टेक्स की सीईओ हैं। केवलरमानी का जन्म मुंबई में हुआ था और वे 1988 में अमेरिका चली गईं। रेशमा 2017 में अमेरिका की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक वर्टेक्स फार्मास्यूटिकल्स से जुड़ीं और 1 साल के भीतर ही उन्हें कंपनी का चीफ मेडिकल ऑफिसर बना दिया गया। वह 2020 में इस कंपनी की CEO बनीं और अमेरिका की किसी बड़ी सार्वजनिक बायोटेक कंपनी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं।