MLA Ranjana Sahu : गुरु ही शिष्य को अज्ञानता से ज्ञान की तरफ लाकर उसे परमब्रह्म परमेश्वर से परिचित कराते हैं : रंजना साहू

MLA Ranjana Sahu : गुरु ही शिष्य को अज्ञानता से ज्ञान की तरफ लाकर उसे परमब्रह्म परमेश्वर से परिचित कराते हैं : रंजना साहू

MLA Ranjana Sahu : गुरु ही शिष्य को अज्ञानता से ज्ञान की तरफ लाकर उसे परमब्रह्म परमेश्वर से परिचित कराते हैं : रंजना साहू

MLA Ranjana Sahu : धमतरी – कबीर ब्रह्मचारिणी आश्रम पोटियाडीह में त्रिदिवसीय भव्य सत्संग समारोह 31 जनवरी से 2 फरवरी तक आयोजित हुआ जिसमें पुज्य संत श्री निष्ठा साहेब जी का सत्संग सहित अनेक सतगुरु कबीर साहेब जनों के मुखारविंद से प्रवचन सुनने एवं संत दर्शन करने का सौभाग्य मिला इस पावन अवसर पर क्षेत्र की विधायक रंजना डीपेंद्र साहू

Shrimad Bhagwat Katha : सक्ती कटगी में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ

MLA Ranjana Sahu : संत दर्शन करने एवं गुरु वाणी का रसपान करने समापन अवसर पर पहुंची, जहां पर विधायक ने सर्वप्रथम पुज्य संत श्री निष्ठा साहेब जी का आशीर्वाद लिए और समस्त सतगुरु कबीर प्रेमी श्रोताओं के साथ संतवाणी सुनी। पुज्य संत श्री निष्ठा साहेब जी ने संत वाणी में कहा कि कबीर कहते हैं कि बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु

के द्वार पहुँच गए, पर वे सभी विद्वान न हो सके। यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षर अच्छी तरह पढ़ ले, तो वही सच्चा ज्ञानी होगा, जीवन में सफलता के लिए संत कबीर ने पांच बड़े सूत्र बताएं हैं जिसमें गुरु का महत्व, विनम्रतापूर्वक आचरण, एकाग्र ध्यानचित्त, ज्ञान की प्राप्ति, दैनिक कर्मकांड जिसमें कबीरदास जी का कहना है कि लंबे

https://www.jandhara24.com/news/140956/5-tallest-statues-in-the-world-2023/

समय तक हाथ में मोती का माला फेरने से कुछ लाभ नहीं होने वाला है। इससे आपके मन के भाव शांत नहीं होंगे। चित्त को शांत रखने और मन को काबू रखने पर ही मन की शीतलता प्राप्त होगी। कबीर दास जी लोगों को अपने मन को मोती के माला के समान सुंदर बनाने की बात करते हैं। संत दर्शन एवं कबीर वाणी श्रवण करने के उपरांत विधायक

ने कहा कि जीवन की आपाधापी में हर इंसान अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हाथ—पांव मार है, लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ना इतना आसान भी नहीं होता है। उसे गुरु का ज्ञान रूपी आशीर्वाद मिलना अति आवश्यक है। गुरु ही हैं जो शिष्य को अज्ञान से ज्ञान की तरफ लाकर उसे परम ब्रह्म परमेश्वर से परिचित कराते हैं ।

उन्हें पाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। वह ना हो तो मनुष्य ईश्वर को जान ही ना पाएगा। सत्संग समारोह में कबीर आश्रम पोटियाडीह के प्रमुख संत त्रिलोकी साहेब जी के साथ बड़ी संख्या में संत जन एवं सत्संग श्रवण करने कबीर सत्संगी बंधुजन मुख्य रूप उपस्थित रहे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU