Shrimad Bhagwat Katha : सक्ती कटगी में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ

Shrimad Bhagwat Katha : सक्ती कटगी में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ

Shrimad Bhagwat Katha : सक्ती कटगी में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ

 

Shrimad Bhagwat Katha : सक्ती कटगी में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ विशाल कलश यात्रा एवं देव मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ किया गया l गायत्री मंदिर परिसर से ग्राम के मुख्य मार्गो से होते हुए जलकुंड में वरुण देवता का आवाहन और पूजा अर्चना के साथ महामाया देवी मंदिर के प्रांगण में विशाल यज्ञ स्थल पर भागवत महापुराण की पूजा और विधियों के प्रतिष्ठा की गई

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Shrimad Bhagwat Katha : भागवत कथा के प्रथम दिन छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवताचार्य राजेंद्र जी महाराज द्वारा भागवत महात्म का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया गया कि यह महापुराण पंचम वेद तथा सभी पुराणों का सार एवं वैष्णव का परम धन है ,

भागवत श्रीमद् शब्द से अलंकृत है तथा यही वेद रूपी कल्पवृक्ष पर लगा हुआ एक ऐसा फल है जिसका ना तो कोई छिलका और ना ही गुठली है अर्थात यह पूर्णता रस ही रस से भरा हुआ है l इसी महापुराण की कथा के पुण्य लाभ से भक्ति देवी के दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य की जरा अवस्था दूर होकर तरुणाई मिली थी ,

भयानक प्रेत योनि में पड़े हुए धुंधकारी को सद्गति मिल गई थी , और श्रृंगी ऋषि द्वारा श्रापित राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी l भागवत मृत्यु को भी मंगलमय बनाकर भवसागर को भवसागर बना देती है l
श्रीमद्भागवत एक आध्यात्मिक क्रांति तथा अध्यात्म दीप है जो कलयुग के ताप और पाप दोनों का नाश कर समाज के लिए एक प्रेरणा तथा परम उत्तम उपाय है l भागवत की कथा देव दुर्लभ है यह मनुष्यों को उनके भाग्य के उदय होने पर ही प्राप्त होता है l किसी पुरुषार्थ के कारण ही नहीं l

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कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाओं एवं पुरुषों ने बड़ी श्रद्धा और अध्यात्म भाव के साथ भाग लिया l भागवत कथा के आयोजक जीवन लाल एवं लक्ष्मी देवी द्वारा अधिक से अधिक संख्या में प्रतिदिन कथा श्रवण करने का आग्रह किया गया है l

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