:हिंगोरा सिंह:
अंबिकापुर: कल देर शाम सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने अपने विधानसभा के सभी धान खरीदी केंद्र अध्यक्ष एवं भाजपा के मंडल अध्यक्षों का वर्चुअल मीटिंग लिया और सभी धान खरीदी केंद्रों को व्यवस्थित करने के दिशा निर्देश दिए ताकि जो किसान धान विक्रय करने के लिए धान खरीदी केंद्र पहुंच रहे हैं उनको किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े.

छत्तीसगढ़ राज्य में 15 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ हो गई है. और सरकार 3100 सौ रुपए क्विंटल के दर से 21 क्विंटल. प्रति एकड़ धान खरीदी करेगी, जो 31 जनवरी तक चलेगा,
सीतापुर विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों में पहुंचने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए देर शाम वर्चुअल के माध्यम से मीटिंग लिया.
जिसमें उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि धान खरीदी केंद्रों में लोगों के लिए पानी पीने के लिए समुचित व्यवस्था की जाए,
ताकि लोगों को पानी के लिए इधर उधर ना भटकना पड़े.
सभी धान खरीदी केंद्रों में फ्लेक्स लगाने का निर्देश दिया है जिसमें शासन के द्वारा धान खरीदी करने की तारीख़ सहित खरीदी करने की राशि एवं शासन द्वारा खरीदी करने के लिए बनाए गए नियम लिखा हुआ होना चाहिए,,,
धान खरीदी केंद्रों में चांदनी लगाने एवं किसानों के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था की
बात कही है,,
धान बोरा पलटी करने के लिए ली जाने वाली राशि को किसानों से ना लेने के लिए निर्देशित किया गया है,,
धान खरीदी केंद्रों में लेबर की कमी ना हो इसके लिए निर्देशित किया गया है,
किसानों की सुविधा के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी करने का निर्देश दिया है ताकि किसान किसी भी परेशानी में अपनी समस्या और शिकायत कर सके ,और उनकी समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके.
धान खरीदी केंद्राध्यक्षों को धान खरीदी केंद्रों में सक्रिय रहने के दिशा निर्देश दिए हैं,
ताकि व्यवस्था चुस्त रहे, आगे विधायक ने कहा है कि धान खरीदी हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की महत्वपूर्ण योजना है
जिसका लाभ हर किसान को मिलेगा, किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी.
हम अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी धान खरीदी केंद्रों पर नजर रखेंगे,और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे, ताकि किसानों का धान आसानी से खरीदा जा सके,और किसानों को किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े,