Mirzapuri Kajli : इस सावन में नहीं सुनाई दीं कजली‌ के स्वर लहरियां

Mirzapuri Kajli :

Mirzapuri Kajli : इस सावन में नहीं सुनाई दीं कजली‌ के स्वर लहरियां

 

Mirzapuri Kajli : मिर्जापुर ! ‘मिर्जापुरी कजली’ उदास है । इस बार भले दो सावन का योग था मगर कजली‌ के स्वर लहरियां नही सुनाई पड़ी। जिले के चौपालों पर अजब सन्नाटा है।

शुक्रवार को कजली का मुख्य उत्सव जगरन था। महिलाओं का न ढुनमुनिया कजली नृत्य दिखा न ही अखाड़ों के कजली दंगल। कभी मिर्जापुर में कजली उत्सव के रूप में मनाई जाती थी। लोगों की भारी भीड़ इस उत्सव में जुटती रही हैं। पूरे सावन माह रोज कही न कही मेला का आयोजन होता रहा है।

Mirzapuri Kajli : लीला रामनगर सब पर भारी, कजली मिर्जापुर सरनाम की कहावत कजली की महत्ता का वर्णन करता है। तथा इस लोक परम्परा को स्वयं सिद्ध करता हैं।वर्षा गीत के रूप में देश विदेश में मशहूर कजली अपने जन्म स्थान पर ही अपना स्वर खो रही है। कजली कभी जन जन कंठहार बन जाती थी।

पर आज यह लोक संगीत युवक और युवतियों की उपेक्षा का शिकार हो गई है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की संस्कृति विभाग द्वारा इस लोक परम्परा को पुनर्स्थापित करने के लिए कजली महोत्सव आयोजन शनिवार को कर रहा है।

कुछ स्वयं सेवी संस्थाएं भी आगे आ रही है। पर यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्व स्फूर्ति वाला यह उत्सव में आम का जुटना अति आवश्यक है। जिसमें महिलाओं की सहभागिता सबसे आवश्यक है।

Mirzapuri Kajli : केन्द्री सरकार ने स्थानीय कजली गायिका अजीता श्रीवास्तव को पद्मश्री सम्मान देकर इस लोक परम्परा को बढ़ावा देने का संदेश दिया है।अजीता श्रीवास्तव ने कहा कि कजली का स्वर्ण युग फिर आयेगा।

कजली के ऐतिहासिक महत्व के अनुसार विंध्यवासिनी देवी का एक नाम कजला भी है। जगरन का दिन मां विंध्यवासिनी देवी का जन्म दिन माना जाता है। कजली को देवी के जन्मोत्सव के रूप में साक्षी गीत माना जाता है। बाद में कजली प्रेम गीत जिसमें संयोग एवं वियोग दोनों कथ्य बने।

अखाड़ों के प्रादुर्भाव से राष्ट्रीय, सामाजिक एवं अन्य विषयों पर कजली गायी जाने लगी। वैज्ञानिक चमत्कार से जहां सभी पुराने परम्परा गुम हो रहे उससे कजली अछूती नहीं है मगरइस बार वर्षा ने भी कजली के स्वर छिन लिए है। पिछले दो सालों से जिले में वर्षा नहीं हुई है।

Solar Mission Aditya-L1 : आदित्य-एल1 के सफल लॉन्च पर PM मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों को दी बधाई

वर्षा के बगैर कजली की कल्पना नही की जा सकती। कजली को बढ़ावा देने की दृष्टि से जिला प्रशासन एवं सांस्कृतिक मंत्रालय आज यहां एक दिन का महोत्सव आयोजित कर रहा है।आज ही कजली स्मारक का लोकार्पण किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मुख्य अतिथि है।यह स्थानीय लोक गायकों को एक अवसर प्रदान करेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU