राजकुमार मल
Mid day meal : मध्यान्ह भोजन, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जारी किया आदेश
Mid day meal : भाटापारा- मध्यान्ह भोजन। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की नजर, अब ऐसी स्व-सहायता समूह पर है, जिन्होंने अब तक अपने समूह का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। बीते शिक्षा सत्र में यह औपचारिकता पूरा कर चुकीं समूहों को नवीनीकरण जल्द करवाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
नया शिक्षा सत्र चालू हो चुका है। नई स्कूलें भी खुलीं हैं। इसलिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने उस नियम का पालन, सख्ती के साथ करने की ठानी है, जिसके तहत मध्यान्ह भोजन बनाने वाली स्व-सहायता समूह को नियमानुसार रजिस्ट्रेशन नंबर लेना है। शत-प्रतिशत लक्ष्य लेकर चल रहे प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने प्रभार वाले जिले में प्राथमिकता के आधार पर यह काम पूरा करें।
इसलिए शत-प्रतिशत
स्कूलों का उन्नयन और अस्तित्व में आती नई स्कूलों को देखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इस बार सत्र की शुरुआत में ही इस नियम को प्रभावी बनाने की तैयारी की है। स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली समूहों को आदेशित किया जा रहा है कि समय रहते यह जरूरी काम कर लें। प्रतिकूल परिस्थिति या औचक जांच में रजिस्ट्रेशन का होना नहीं पाया गया, तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।
किचन में यह जरूरी
मध्यान्ह भोजन जहां बनाए जाते हैं, वहां की छत, दीवार और फर्श की नियमित सफाई किया जाना अनिवार्य होगा। यह इसलिए क्योंकि मौसम का पूरा साथ मिल रहा है, ऐसे कीट परिवार को, जो ऐसी जगहों पर पनपते हैं। इसमें मकड़ियां और छिपकली मुख्य हैं। मक्खियों के दिन भी हैं। लिहाजा तीनों जगहों की निरंतर सफाई आवश्यक है। समूह कर्मचारियों को भी खाद्य सुरक्षा के मानक का पालन करना होगा।
खाद्य सामग्री की नियमित जांच
स्टोर रूम में रखे गए चावल, दाल, आटा, खाद्य तेल व अन्य सामग्री की नियमित जांच, समूह को करनी होगी। डिब्बाबंद खाद्य सामग्री की खरीदी के वक्त एक्सपायरी डेट अनिवार्य रूप से देखने के लिए प्रशासन ने निर्देशित किया है। नुकसान पहुंचाने वाले जीव- जंतुओं से खाद्य सामग्री को बचाने के लिए सुरक्षा मानक का पालन अनिवार्य होगा।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
मध्यान्ह भोजन बनाने वाली स्व- सहायता समूह को नियमानुसार रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। औचक जांच में यह नहीं मिले, तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।
– उमेश वर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर