जामनगर। नवरात्रि के पावन अवसर पर जामनगर के रंजीत नगर में आयोजित गरबा महोत्सव में इस बार भी कुछ अलग देखने को मिला। पटेल युवक मंडल द्वारा आयोजित गरबा में पुरुष खेलैयों ने धधकते अंगारों पर माताजी की आराधना कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यह विशेष गरबा ‘अंगारा रास’ के नाम से जाना जाता है और पिछले 15 वर्षों से लगातार खेला जा रहा है। धधकते अंगारों पर करीब 12 खेलैया लगभग 10 मिनट तक गरबा कर माताजी की पूजा-अर्चना करते हैं। यह दृश्य देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु और दर्शक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
सात दशक पुरानी परंपरा
इस रास की परंपरा 70 साल पुरानी बताई जाती है। शुरुआत में कपास के बीज जलाकर अंगारे बनाए जाते हैं। फिर युवा हाथों में मशाल लेकर और अंगारों पर कदम रखते हुए गरबा करते हैं।
दो महीने की तैयारी
अंगारों पर रास खेलने से पहले सभी प्रतिभागी लगभग दो महीने तक सख्त अभ्यास करते हैं, ताकि इस अनोखी विधा को बिना किसी चोट के निभाया जा सके। आयोजकों का कहना है कि अंगारा रास न केवल साहस और आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह जामनगर की विशेष पहचान भी बन चुका है।