अनुगुल। ओडिशा के माओवाद प्रभावित मलकानगिरी जिले में मंगलवार को 22 माओवादियों ने एक साथ आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता त्याग दिया। यह वर्ष 2025 में ओडिशा का अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक माओवादी आत्मसमर्पण है।
आत्मसमर्पण करने वालों में एक डिवीजनल कमेटी सदस्य, छह एरिया कमेटी सदस्य और 15 साधारण पार्टी सदस्य शामिल हैं। मलकानगिरी जिला पुलिस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एके-47, इंसास, एसएलआर और 303 की तीन राइफलों सहित कुल नौ हथियार, भारी मात्रा में गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री पुलिस को सौंपी।
बरामद सामग्री में 150 राउंड गोलियां, 13 टिफिन बम, लगभग 20 किलो विस्फोटक, जिलेटिन स्टिक, कोडेक्स वायर और माओवादी साहित्य शामिल है।
कार्यक्रम में ओडिशा पुलिस महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया उपस्थित रहे। उन्होंने इसे सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई, सरकार की विकास योजनाओं और पुनर्वास नीति का परिणाम बताया। डीजीपी ने कहा कि सरकार मुख्यधारा में लौटने वाले सभी माओवादियों का स्वागत करती है और अन्य भूमिगत माओवादियों से हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील की।
आत्मसमर्पण करने वाले अधिकांश माओवादी आंध्र प्रदेश-ओडिशा सीमा क्षेत्र और दंडकारण्य विशेष जोन में सक्रिय थे। इन पर पूर्व में इनाम घोषित था। जिले में लगाए गए आठ करोड़ रुपये से अधिक के इनामी पोस्टरों और पुलिस के लगातार दबाव का भी असर पड़ा।
राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत पदानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। डिवीजनल कमेटी सदस्य को 22 लाख रुपये, एरिया कमेटी सदस्य को 5 लाख 50 हजार रुपये और साधारण सदस्य को 1 लाख 65 हजार रुपये मिलेंगे। हथियार सौंपने पर एके-47 के लिए 3 लाख 30 हजार रुपये और इंसास राइफल के लिए 1 लाख 65 हजार रुपये तक अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि है।
सभी को तत्काल राहत के रूप में 25 हजार रुपये नकद दिए गए। कुल पैकेज की राशि लगभग 1 करोड़ 84 लाख रुपये है।
आत्मसमर्पण करने वालों को आवास योजना, कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य कार्ड, मुफ्त राशन और सामाजिक पुनर्वास से जोड़ा जाएगा, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह आत्मसमर्पण मलकानगिरी और आसपास के क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों को बड़ा झटका देगा तथा शांति और विकास की गति तेज होगी।