मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल और राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने बातचीत के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे को भेजा, जबकि आरक्षण पर ठोस निर्णय सरकार को लेना चाहिए।
संदीप शिंदे वर्तमान में उस समिति के अध्यक्ष हैं, जिसे मराठा आरक्षण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने गठित किया है। हालांकि, पाटिल का कहना है कि आरक्षण को लेकर सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करना समिति या उसके अध्यक्ष का अधिकार नहीं है।
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने स्पष्ट किया कि जब तक मराठा समाज के लिए ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, उनका अनशन जारी रहेगा।