नगर के ओम हॉस्पिटल में छापामार कार्यवाही में मिली अनेक अनियमितताये

निरीक्षण के दौरान दस्तावेज नही मिले ओडिसा के शासकीय चिकित्सक दे रहे सेवा

दिलीप गुप्ता-

सरायपाली :- स्थानीय प्रशासन की एक टीम द्वारा नगर के बाहर स्थित एक निजी ओम हास्पीटल में छापामार कार्यवाही करते हुवे प्रतिवेदनबतैयार कर रही है । कलेक्टर के निर्देश के तहत जिले के सभी निजी अस्पतालों की जांच की जायेगी । ज्ञातव्य है कि विगत एक माह पूर्व 11 सितंबर को “आज की जनधारा” ने ओम हॉस्पिटल द्वारा अस्पताल से निकलने वाले वेस्ट सामानों को खुले रूप में सड़कों पर ही फेंके जाने , खुले में जलाए जाने , लगभग 20 -25 बोरा वेस्टेज को अस्पताल परिसर में रखने , साफ सफाई का ध्यान नही देने से आसपास के रहवासियों को भारी गंदगी व दुर्गंध से हो रही परेशानियों से संबंधित समाचार का प्रकाशन किया गया था । व इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों व स्वास्थ्य मंत्री को भी दी गई थी । समाचार प्रकाशन के दिन ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल के पीछे काफी दिनों से रखे वेस्टेज से भरे बोरो को हटाया गया । अस्पताल के ही मिनकेतन पटेल ने बताया था कि वेस्टेज को समाप्त काईये जाने की कोई व्यवस्था अस्पताल में नही है । व इन कचरों को रायपुर से 3-4 दिनों के अंतराल में एक वहां आती है वह ले जाती है ।
बीएमओ डॉ.कोसरिया ने बताया कि कचरा फेंके जाने का समाचार प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर सरायपाली के बीएमओ डॉ व्ही ऐ के कोसरिया व नायब तहसीलदार रविन्द्र काले द्वारा अपनी टीम के साथ छापामार कसरीवाहि की गई । इस दौरान अस्पताल में उन्हें काफी अनियमितताएं मिली। बीएमओ डॉ. कोसरिया ने जानकारी देते हुवे बताया कि प्रशासन की टीम द्वारा छापामार कार्यवाही की गई तो वहां निरीक्षण के दौरान अनेक खामियां व शिकायते भी मिली । आयुष्मान भारत योजना के तहत भी काफी अधिक अनियमितताएं पाई गई हैं।
अस्पताल के खिलाफ मिल रहीं शिकायतों की जांच के दौरान अस्पताल में सूखा-गीला कचरा के निराकरण की कोई व्यवस्था नहीं है। जिम्मेदार डॉक्टर भी नहीं मिले। जिन डॉक्टरों के नाम वहाँ लिखे हुए थे वे रायपुर के ओम हास्पीटल में कार्यरत हैं। डॉ. कोसरिया ने बताया कि वे डॉक्टर रायपुर के अस्पताल में पदस्थ हैं। और अस्पताल के बोर्ड में ऐसी जानकारी दी जा रही है जैसे उक्त सभी डॉक्टर उसी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं । ऐसा कर मरीजो व आमजनता को गुमराह किया जा रहा है ।
अस्पताल में ही ओडिशा से एक शासकीय चिकित्सक जो सरकारी सेवा में सेवारत है वह इस अस्पताल में दोपहर 2 से रात्रि 8 बजे तक अपनी सेवा देता है । निरीक्षण के दौरान कोई एक भी चिकित्सक अस्पताल में नहीं मिले। प्रबंधन के लोगों से अस्पताल के दस्तावेज व फाइलें वगैरह की मांग की गई। लेकिन उपस्थित किसी के भी द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नही कराया गया बल्कि बार-बार यही कहते रहे कि दस्तावेजों को रखने वाला स्टाफ घर गया है। डॉ. कोसरिया ने बताया कि आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग भी पाया गया। इसके लिए इलाज कराने वाले मरीज को 2 समय भोजन व 1 समय नाश्ता दिए जाने का प्रावधान है इसका अस्पताल प्रबंधन द्वारा उलंघन किया जा रहा है ।आयुष्मान योजना के तहत मरीजो को दवाइयां दी जाती है पर मरीजो को निशुल्क दबाइयाँ न देकर खुले बाजार से दवा खरीदने कहा जाता है। उनके पास एक मरीज का 40-50 हजार रूपए का बाहर से दवा खरीदने का बिल है। डॉ. कोसरिया ने बताया कि अस्पताल के संचालक व डॉक्टर वहाँ नहीं मिले। प्रबंधन के लोगों को सब कुछ व्यवस्थित करने की चेतावनी दी गई है। मामले की जानकारी व प्रतिवेदन एसडीएम को दी जायेगी ।
कलेक्टर के निर्देश पर इस तरह की कार्यवाही अन्य सभी निजी अस्पतालों , डिस्पेंसरियों पर की जायेगी ।