रायपुर। भारतीय साहित्य के पुरोधा माने जाने वाले मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर जारी नाट्य समारोह के अंतिम दिन उनकी कृति ‘मंत्र’ का मंचन किया गया। जिसमें कलाकारों ने अपने अभियन से अपने पात्रों में जान डाल दी। इस नाटक का निर्देशन श्रीमती रचना मिश्रा ने किया।

राजधानी रायपुर के सड्ढू स्थित जनमंच में मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर 5 दिवसीय नाट्य समारोह का आयोजन किया गया। इसके अंतिम दिन मुंशी प्रेमचंद की कहानी मंत्र का मंचन किया गया। मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘मंत्र’ एक गरीब बूढ़े और एक डॉक्टर के बीच की कहानी है। बूढ़ा अपने बीमार बेटे को डॉक्टर के पास ले जाता है, लेकिन डॉक्टर उसे देखने से इंकार कर देता है क्योंकि उसे खेलने जाना होता है। बाद में, डॉक्टर का बेटा सांप के काटने से बीमार हो जाता है और बूढ़ा, जो एक जड़ी-बूटी का जानकार है, उसे ठीक कर देता है। कहानी में, प्रेमचंद ने स्वार्थ और निस्वार्थता, और मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डाला है।


नाटक में तरूण कुमार ने भगत, ठावेंद्र रजक ने डा. चड्ढा, संध्या ने मिसेज चड्ढा , उमेश उपाध्याय ने पंडित, रूपरानी ने भगत की पत्नी, हेमंत यादव ने चड्ढा जी के मित्र, अंश ने चैकीदार, सौरभ मिश्रा ने कैलाश, प्रियंका मिश्रा ने मृणालिनी, सीमा सोनी ने मेहमान का पात्र निभाया। मंच की लाइटिंग लोकेश और महेंद्र सिंह राजपूत। संगीत प्रथम गुप्ता ने संभाला।

