Manilinga Shiva Mahapuran story : बाबा का कृपा पात्र स्थल है छत्तीसगढ, देखिये Video

Manilinga Shiva Mahapuran story :

Manilinga Shiva Mahapuran story : मेरे राघव का ननिहाल मां कौशल्या का मायका, धान का कटोरा है छत्तीसगढ

 

Manilinga Shiva Mahapuran story  छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम जुंगेरा रानी तराई मैदान में आज से मणिलिंग शिव महापुराण कथा का आयोजन शुरू हुआ मध्य प्रदेश के सीहोर से पंडित प्रदीप मिश्रा यहां पर कथा वाचन करने पहुंचे मीडिया से चर्चा करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ जिसे धान का कटोरा कहा जाता है और यहां पर बाबा की कृपा बरसती है यह बाबा का कृपा पात्र स्थल है और यह मेरे राघव का ननिहाल है और मां कौशल्या का मायका है यहां के भक्त बड़े ही ध्यान से आराम से कथा का श्रवण कर रहे हैं और पवित्र श्रावण मास में जब मैं सोता हूं को देखता हूं तो बड़ा ही आनंद मिलता है।

 

Manilinga Shiva Mahapuran story आज पंडित प्रदीप मिश्रा ने सोमानी की कथा सुनाई और उन्होंने शरीर के महत्व को बताया कि जीवन में जब शरीर मिलता है तो उसका उपयोग हमेशा बेहतर कार्यों के लिए करना चाहिए यदि हम शरीर का दुरुपयोग करते हैं बुरे कर्मों में पढ़ते हैं शराब मांस इत्यादि का सेवन करते हैं तो इसका परिणाम अगले जन्म में बेहद बुरा मिलता है उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को शिव आराधना में रहने लीन रहकर सदैव जरूरत मंद लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।

 

पहले होटलों में रहती थी भीड़ अब शिवालय में

 

पंडित प्रदीप मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पहला दिन था और कथा श्रोताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था मीडिया ने पूछा कि क्या परिवर्तन देखे हैं आपके कथाओं के प्रचलन में बढ़ाने के बाद तो उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि युवाओं में चेतना देखने को मिल रही है और अब होटल के बजाय शिवालियों में भीड़ देखने को मिलती है नवयुवक बेटा बेटी अब अच्छे संस्कारों की ओर बढ़ रहे हैं।

 

3 लाख के करीब पहुंचे भक्त

 

 

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बालोद जिले में पहली बार मनी लिंग शिव महापुराण का आयोजन किया गया है और पंडित प्रदीप मिश्रा पहुंचे हुए हैं इसका उत्साह भक्तों में देखने को मिला पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश भर से श्रोता यहां पहुंचे आज लगभग तीन से चार लाख के बीच भक्तों की भीड़ दर्ज की गई प्रशासन एवं पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था भी देखने को मिली दोनों तरफ से लगभग 2 किलोमीटर दूर पार्किंग स्थल बनाया गया है।

बाइट – प्रदीप मिश्रा, कथावाचक

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