कोरिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयोजित उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम ने जिले में शत-प्रतिशत साक्षरता लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस महापरीक्षा अभियान का आयोजन 23 मार्च 2025 को जिले के 256 परीक्षा केंद्रों में किया गया, जिसमें कुल 8157 शिक्षार्थियों, पुरुष और महिला दोनों, ने भाग लिया।
श्रीमती संजय चंदन त्रिपाठी, कलेक्टर एवं अध्यक्ष कार्यकारिणी जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण कोरिया ने कहा, “हमारा उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सभी के लिए समान अवसर प्रदान करना है। उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम न केवल साक्षरता को बढ़ावा देगा, बल्कि शिक्षार्थियों को महत्वपूर्ण जीवन और व्यवसायिक कौशल भी प्रदान करेगा।”
इस महापरीक्षा अभियान के तहत जिला में 1224 अध्ययन केंद्रों की स्थापना की गई थी, जहां असाक्षर शिक्षार्थियों को 200 घंटे का अध्यापन कराया गया। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के मानदंडों के अनुरूप चलाए गए इस कार्यक्रम ने साक्षरता दर में सुधार करने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं।
इस संबंध में डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं उपाध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण ने कहा, “शिक्षा केवल ज्ञान का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम भी है। उल्लास साक्षरता केंद्रों ने शिक्षार्थियों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान किया है, जिससे वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें।”
महापरीक्षा हेतु 256 केंद्राध्यक्ष, 280 पर्यवेक्षक सह मूल्यांकनकर्ता को प्रशिक्षित किया गया। परीक्षा की तिथि पर बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए जिला और विकासखण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए थे। साथ ही, शिक्षार्थियों को परीक्षा में भाग लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से न्यौता दिया गया, जिससे उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
श्रीमती त्रिपाठी ने आगे कहा, “हमने दीवार लेखन और स्थानीय स्तर पर बैठकें आयोजित कर इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी शिक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हों, हमने सभी संभावित माध्यमों का उपयोग किया।”
इस अभियान के माध्यम से, कोरिया जिले में शिक्षा की दिशा में एक नई रोशनी दिखाई दे रही है। कई शिक्षार्थियों ने इस परीक्षा को एक सुनहरा अवसर माना है, जिससे उन्हें न केवल साक्षरता का लाभ मिलेगा, बल्कि वे अपने जीवन में आवश्यक कौशल भी प्राप्त कर सकेंगे।
इस प्रकार, उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम ने कोरिया जिले में प्रौढ़ शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो न केवल साक्षरता की दर में सुधार करेगा, बल्कि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा। यह अभियान निस्संदेह उन सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनने वाला है जो शिक्षा को अपने जीवन में आवश्यक मानते हैं।