भोपाल। मध्यप्रदेश में कैंसर मरीजों के लिए एम्स भोपाल में प्रदेश का पहला सेंट्रलाइज्ड कैंसर ब्लॉक विकसित किया जा रहा है, जिसे 2026 तक शुरू करने की तैयारी है। इस आधुनिक ब्लॉक में मरीजों को गामा नाइफ और पीईटी-सीटी स्कैन जैसी उन्नत सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। वर्तमान में एम्स में जांच और उपचार के लिए मरीजों को लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें सिटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांचों के लिए छह माह से एक वर्ष तक का इंतजार शामिल है।
नई सुविधा का उद्देश्य मरीजों को सभी सेवाएं एक जगह उपलब्ध कराना है। प्रस्तावित कैंसर ब्लॉक में जांच से लेकर छह प्रकार के उपचार तक की व्यवस्थाएं होंगी, जिनमें कीमोथेरेपी, सर्जरी, टारगेट थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, मेंटल हेल्थ काउंसलिंग और स्टेम सेल ट्रीटमेंट शामिल हैं। वर्तमान में कैंसर मरीजों को जांच, सर्जरी और रेडिएशन के लिए अलग-अलग विभागों में जाना पड़ता है, जबकि नया ब्लॉक शुरू होने के बाद सभी विशेषज्ञ एक साथ मिलकर मरीज की स्थिति के अनुसार संयुक्त निर्णय लेंगे।
गंभीर मरीजों के लिए प्रेफरेंस सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है। अस्पताल में आने वाले हर मरीज की पहले स्क्रीनिंग यूनिट में जांच होगी, जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि वह कैंसर रोगी है या नहीं। जिनमें बीमारी की पुष्टि होगी, उन्हें गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत कर प्राथमिकता से उपचार दिया जाएगा। वहीं जिन मरीजों में सिर्फ कैंसर का संदेह होगा, उन्हें संबंधित विभागों में आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा।