Lord Shri Krishna : जीवन में मित्र की क्या भूमिका होती है भगवान श्रीकृष्ण से लेनी चाहिए सीख
Lord Shri Krishna : एक कुशल मार्गदर्शक और नीति निपुण मित्र की जीवन में क्या भूमिका होती है, यह भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में देखनी चाहिए।
अपने परम मित्र अर्जुन को उन कृष्ण ने कैसे कैसे संभाला और एक आदर्श क्षत्रीय के सोपान तक उन्हें ले गये।
यही कारण था कि अर्जुन ने भी जब महाभारत का युद्ध अनिवार्य हो गया तो हजारों सैनिकों के बदले केवल उन एक श्रीकृष्ण का नेतृत्व माँगा था।
जब आपका मित्र किसी घोर विषाद में, घोर निराशा में घिरकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाए तो उस समय उस मित्र के प्रति हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए, जिससे वह अपने कर्तव्य पथ से विमुख होकर हँसी का पात्र न बने ये उन श्रीकृष्ण के जीवन का एक अहम और श्रेष्ठ किरदार है।
Lord Shri Krishna : अपने शरणागतों को विषाद से उबारकर प्रसाद तक पहुँचाना तो कोई उन शरणागत वत्सल श्री कृष्ण से सीखे। कृष्ण केवल मित्रता करना ही नहीं जानते अपितु हर हाल में मित्रता निभाना भी जानते हैं,
अब वो चाहे अर्जुन से हो, उद्धव से हो या विप्र सुदामा से ही क्यों न हो।
पवित्र भावना में, पवित्र उद्देश्यों में बिना किसी सम्मान की अपेक्षा के सदैव प्रसन्नता पूर्वक कर्म करते रहना ही कृष्ण होना है।