Lord shri krishna : प्रेम और मुक्ति के प्रदाता भगवान श्री कृष्णजी की लीलाएं अनंत

Lord shri krishna :

Lord shri krishna  भगवान श्री कृष्णजी की लीलाएं अनंत

Lord shri krishna  सक्ती बिर्रा । प्रेम और मुक्ति के प्रदाता भगवान श्री कृष्ण जिनकी शक्ति और लीलाएं अनंत है , वही पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर और जगतगुरु कहलाते हैं , वे दिनांनाम परी पालक कहलाते हैं , दिनों पर दया करना उनका स्वभाव भी है , भगवान अपने भक्तों को प्रत्यक्ष हाथ में कुछ नहीं देते किंतु परोक्ष रूप से उनकी सभी मनोकामना पूर्ण कर दिया करते हैंl

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Lord shri krishna  अपने बचपन के बाल सखा श्रीदामा जी महाराज जो अति अकिंचन किंतु श्री कृष्ण प्रेम के कारण नित्य भगवान का ध्यान करते द्वारिकापुरी पहुंचने पर द्वारिकाधीश श्री कृष्ण ने उन्हें अपने जैसा ही ऐश्वर्य वान बना दिया था , यह बातें बिर्रा में कश्यप परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा विराम के अवसर पर सुप्रसिद्ध भागवताचार्य राजेंद्र महाराज ने कही।

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आचार्य द्वारा द्वारिकाधीश श्री कृष्ण कि गृहस्थचर्या वंश विस्तार एवं द्वारिकापुरी की प्रजा में धर्म भाव का जागरण , कर्तव्य पालन , एवं सुदामा चरित्र की सरस कथा का वर्णन करते हुए द्वादश स्कंध में कलयुग के गुणधर्म पर विस्तार से बताया गया कि कलयुग समस्त दोष और अवगुणों की खान है इसे काजल की कोठरी भी कहा है इसलिए इस युग में दुर्लभ मानव जीवन पाकर तथा स्वस्थ शरीर के साथ धन अर्जन करके इस नौका रूपी शरीर से ही सदगुरुदेव के ज्ञान को पतवार स्वरूप मानकर भवसागर से पार हो सकते हैं ।

Lord shri krishna श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा ज्ञान मार्ग की ओर हमें प्रेरित करता है जिसे हम आत्मसात कर अपना जीवन कृतकृत्य कर सकते हैं । कथा को केवल सुन लेने से ही जीवन में उत्कृष्ट और श्रेष्ठता की ओर परिवर्तन संभव नहीं है । वेद पुराण हमारे जीवन को सार्थक करने के लिए है परंतु यदि इनके ज्ञान को मनुष्य स्वीकार नहीं किया तो जिसकी स्वयं की प्रज्ञा नहीं है उसका वेद पुराण क्या कर सकते हैं जिस प्रकार नेत्रहीन व्यक्ति का दर्पण भी कुछ नहीं कर सकता ।


सप्ताह यज्ञ में क्षेत्र के हजारों श्रोताओं को प्रतिदिन श्रीमद् भागवत महापुराण के अद्भुत ज्ञान , कथामृत रसपान एवं जीवंत झांकियों का दर्शन सहित विद्वान आचार्यों के द्वारा वैदिक मंत्रों का पाठ एवं महा आरती का लाभ प्राप्त हुआ l भागवत कथा के आयोजक  लक्ष्मी देवी घनश्याम कश्यप , श्रीमती प्रेमलता रूपेश कुमार , मंजू लता उमेश कुमार कश्यप द्वारा यज्ञ कार्य में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी कार्यकर्ताओं का आभार सहित सहस्त्रधारा स्नान , महा आरती एवं विशाल भंडारा के साथ यज्ञ पूर्ण हुआ l

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