(Lok Sabha) लोकसभा में उपाध्यक्ष नियुक्त होगा!

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(Lok Sabha) लोकसभा में उपाध्यक्ष नियुक्त होगा!

(Lok Sabha) सत्रहवीं लोकसभा का कार्यकाल अब सवा साल बचा है। अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं और अभी तक लोकसभा में उपाध्यक्ष नियुक्त नहीं हुआ है। चार साल तक संसद का निचला सदन स्पीकर और नौ पीठासीन अधिकारियों के पैनल से चलता रहा।

(Lok Sabha) आमतौर पर लोकसभा के गठन के तीन महीने के अंदर उपाध्यक्ष की नियुक्ति हो जाती है। इस बार करीब चार साल तक नहीं हुई है। पिछली लोकसभा में अन्ना डीएमके नेता टीआर बालू को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उससे पहले यूपीए की पहली सरकार में अकाली दल के नेता चरणजीत सिंह अटवाल लोकसभा में डिप्टी स्पीकर बने थे तो दूसरी सरकार में भाजपा के कडिय़ा मुंडा को उपाध्यक्ष बनाया गया था। इस बार कहा जा रहा है कि सूटेबल उम्मीदवार नहीं मिलने की वजह से उपाध्यक्ष नियुक्त नहीं हुआ है।

(Lok Sabha) सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को उपाध्यक्ष का पद नहीं देना है। उसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर की पार्टियों तृणमूल कांग्रेस और डीएमके को भी नहीं देना है। जदयू अब एनडीए से बाहर है और राज्यसभा में उसके नेता को उप सभापति बनाया गया है। अन्ना डीएमके का सिर्फ एक ही सांसद है और वह भी पहली बार जीता हुआ।

सो, ले देकर बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस का विकल्प बचता है पर इन दोनों पार्टियां यह पद नहीं चाहती हैं। इनके अलावा शिव सेना से अलग हुए गुट का एक नया विकल्प बना है। बताया जा रहा है कि आखिरी साल में उपाध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है।

इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि मौजूदा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला राजस्थान में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो बिरला मुख्यमंत्री हो सकते हैं।

अगर ऐसा हुआ तो उस समय उपाध्यक्ष की जरूरत महसूस होगी। तभी कहा जा रहा है कि पहले ही उपाध्यक्ष नियुक्त हो सकता है। अगर आखिरी साल में उपाध्यक्ष की नियुक्ति होती है तो बिरला के राजस्थान जाने की संभावना पक्की मानी जाएगी।

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