छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

जस्टिस अरविंद वर्मा की एकल पीठ के समक्ष हुई इस सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपना पक्ष रखा। बहस के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 सितंबर तय की है।
ईडी ने लगाए गंभीर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को उनके जन्मदिन के दिन गिरफ्तार किया गया। ईडी के अनुसार, चैतन्य ने कथित तौर पर 16 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध कमाई की है, जिसे उन्होंने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश किया।
ईडी का दावा है कि यह धनराशि छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी हुई है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय की जांच के मुताबिक, साल 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में एक संगठित तरीके से करीब 2161 करोड़ रुपये का शराब घोटाला अंजाम दिया गया। इस घोटाले में नेताओं, अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ की बात सामने आई है।
जांच एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले को सत्ता के संरक्षण में अंजाम दिया गया और अवैध रूप से अर्जित रकम को कई माध्यमों से वैध बनाने की कोशिश की गई।
गौरतलब है कि इस घोटाले में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं और इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
आगामी सुनवाई:
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 8 सितंबर को हाईकोर्ट में ईडी और चैतन्य बघेल पक्ष की ओर से क्या नए तर्क पेश किए जाते हैं और कोर्ट क्या रुख अपनाता है।