Life Imprisonment : पत्नी के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा
Life Imprisonment : सक्ति –अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के ए.जी.पी. ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 23.3.2021 को आहिता राधिका महिलांगे के साथ उसका पति आरोपी मनोज महिलांगे पिता कार्तिक राम निवासी कुरदी थाना मालखरौदा के द्वारा चरित्र पर शंका कर उसके साथ आए दिन गाली गलौज एवं मारपीट
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Life Imprisonment : करता था इसी कारण दिनांक 30 जून 2021 को दोपहर 2:00 बजे वह अपनी पत्नी राधिका के बाल को पकड़कर हाथ, लात, घुसा एवं झारा से मारपीट कर उसके शरीर पर कई जगह चोट पहुंचाया, मारपीट कर के आहीता राधिका के मुंह को कपड़ा से बांधकर एक पेटी के अंदर डाल दिया गया। मारपीट किए जाने पर थाना मालखरोदा द्वारा अहिता को
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा भेजा गया। रीफर किए जाने पर केजीएच. अस्पताल रायगढ़ ले जाते समय रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। उक्त तथ्यों के आधार पर थाना मालखरौदा द्वारा दिनांक 1.4.2021 को अपराध क्रमांक 109/021 धारा 302 भारतीय दंड विधान के तहत प्रथम सूचना पत्र लिखा गया। मृतिका का शव पंचनामा तैयार
कर पोस्टमार्टम किया गया। आरोपी मनोज को अभिरक्षा में लेकर उसका बयान लिया गया, उसके द्वारा पेश करने पर एक स्टील का झारा, घटना के समय आरोपी द्वारा पहने शर्ट, कमरे के फर्श में फैले खून के छींटे तथा 24 नग टूटे हुए चूड़ी के टुकड़े, साड़ी चुनरी को जप्त किया गया। शासन की ओर से कुल 19 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया।
आरोपी के विद्वान अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी का उसकी पत्नी के साथ प्रेम विवाह हुआ था दोनों सुख पूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे थे, उसे झूठा फंसाया गया है वह निर्दोष है उसे दोषमुक्त किया जावे। शासन की ओर से बताया गया कि आरोपी की पुत्री घटना की आईविटनेस है, आरोपी अपने पत्नी के चरित्र पर शंका करता था तथा उसके द्वारा पत्नी को
Life Imprisonment :
जान से मारने की आशय से क्रूरता पूर्वक मारपीट किया गया है, अपराध को छिपाने के लिए झूठा कथन किया है, दोष सिद्ध किया जाए। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात दिनांक 18.5.2023 को माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डॉक्टर ममता भोजवानी ने निर्णय पारित किया एवं पाया कि मृतिका राधाबाई की मृत्यु मानव वध के
परिणाम स्वरूप हुई थी। आरोपी अपनी पत्नी के चरित्र में शंका के कारण उसे लोहे के पेटी के अंदर करीब आधा घंटा तक बंद कर दिया तत्पश्चात बाहर निकाल कर जान से मारने के आशय से झारा से मृतका के सीर एवं चेहरे में कई बार वार कर उसकी हत्या किया है उक्त चोटों से मृतका की मृत्यु होना संभव है । घटना अचानक घटित नहीं हुई थी, आरोपी ने
अपराध को छुपाने के लिए पुलिस के समक्ष झूठा वक्तव्य प्रस्तुत किया है, तथा अपराध को छुपाने का प्रयास किया है इसलिए आरोपी मनोज महिलांगे को धारा 302 भारतीय दंड विधान के अपराध के लिए
आजीवन कारावास एवं 5000रु. के अर्थदंड से धारा 201 भारतीय दंड विधान के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000रु. के अर्थदंड से दंडित किया गया है । छ. ग. शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता/अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।