रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आबकारी अधिकारियों को एक और बड़ा झटका लगा है। पहले राज्य सरकार ने इन्हें निलंबित किया और अब बिलासपुर हाईकोर्ट ने 28 आबकारी अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इनमें एक महिला आईएएस अधिकारी के पति भी शामिल बताए जा रहे हैं।
ईओडब्ल्यू ने बनाए आरोपी
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शराब घोटाले में इन 28 अधिकारियों को आरोपी बनाया है। इनमें उपायुक्त, सहायक आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी और सहायक जिला आबकारी अधिकारी स्तर के कई अधिकारी शामिल हैं। कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी आरोपों के दायरे में आए हैं।
प्रमुख नाम
आरोपियों में उपायुक्त विजय सेन शर्मा, अरविंद कुमार पाटले, प्रमोद कुमार नेताम, सोनल नेताम, गरीबपाल सिंह दर्दी, सहायक आयुक्त रामकृष्ण मिश्रा, विकास कुमार गोस्वामी, इकबाल खान, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, मोहित कुमार जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी नितिन खंडुजा, नीतू नोतानी ठाकुर, नोहर सिंह ठाकुर सहित अन्य कई अधिकारी शामिल हैं।
इसके अलावा राजेश जायसवाल, जी.एस. नुरुटी, देवलाल वैद्य, ए.के. अनंत, वेदराम लहरे और एल.एल. ध्रुव जैसे कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी इस सूची में हैं।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने कहा कि शराब घोटाले जैसे गंभीर आर्थिक अपराध में संलिप्त अधिकारियों को अग्रिम जमानत देना न्यायसंगत नहीं होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच और आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।