भोपाल कोसो दूर था, आवाज बहुत देर से पहुंच पाती थी- श्रीमती रेणुका सिंह
छत्तीसगढ़ के लोगों की पीड़ा को समझा और अटल जी ने अलग राज्य का निर्माण किया-श्रीमती रेणुका सिंह
जिले के विकास में सबकी भागीदारी जरूरी-कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी
कोरिया। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन शासकीय आदर्श रामानुज उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, बैकुंठपुर में किया गया।
मुख्य अतिथि भरतपुर-सोनहत के विधायक श्रीमती रेणुका सिंह सरूता ने भारत माता की जय और छत्तीसगढ़ महतारी की जय की उदघोष से अपनी उद्बोधन शुरू की। उन्होंने छत्तीसगढ़वासियों को राज्य निर्माण के 24 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के करीब तीन करोड़ लोगों के लिए यह जश्न मनाने का अवसर है। साथ ही यह भूतपूर्व प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करने, उन्हें धन्यवाद देने का अवसर भी है।
गरीब राज्य के रूप में पहचान थी
उन्होंने कहा कि संयुक्त मध्यप्रदेश के समय छत्तीसगढ़ में जन्म लिया और बड़े हुए वे लोग तब और अब के फर्क को बहुत अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें याद होगा कि किस तरह छत्तीसगढ़ में बार-बार अकाल पड़ता था, किसानों को रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करना पड़ता था, मजदूरों को आंदोलन करना पड़ता था, आदिवासयों का शोषण होता था, युवाओं को के पास रोजगार नहीं था, महिलाओ के पास अधिकार नहीं था, गांवो में गरीबी पसरी हुई थी, शहरो में गंदगी पसरी हुई थी।
भोपाल कोसो दूर था
उन्होंने कहा कि भोपाल यहां से कोसो दूर था, यहां से आवाज बहुत देर से वहां पहुंच पाती थी। इससे भी कहीं ज्यादा देर सरकार की योजनाएं और कार्यक्रम छत्तीसगढ़ तक पहुंच पाते थे। तब छत्तीसगढ़ में भूख थी, पीड़ा थी, उपेक्षा थी। इस स्थिति में छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने की मांग तेज हुई। उस समय सौभाग्य से केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों की पीड़ा को समझा और यहां के लोगों की मांग को पूरा करते हुए अलग छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया।
अव्वल राज्यों में शामिल
विधायक श्रीमती रेणुका सिंह ने कहा कि प्रदेश में बदलाव की शुरूआत वर्ष 2003 से हुई। प्रदेश में हमारी सरकार बनी। यह सरकार लगातार 15 वर्षों तक रही। उन्हीं 15 वर्षों में विकास की मजबूत अधोसंरचना का निर्माण हुआ। हमारी सरकार ने ही इस राज्य को देश के अव्वल राज्यों में शामिल कराया।
विधायक श्रीमती रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक हमारी सरकार रही और उस दौर में आईआईटी, आईआईएम, एम्स और ट्रिपल आईटी जैसे शीर्ष स्तर के संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित किए। आज छत्तीसगढ़ विकास की नई इबारत लिख रही है। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रेल मार्ग जैसी बुनियादी अधोसंरचना का निर्माण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है।हमारी बसरकार ने ही राज्य में धान खरीदी की मजबूत व्यवस्था का निर्माण किया। पारदर्शी तरीके से सभी तक राशन की पहुंच सुनिश्चित की। खेती-किसानी का विकास हुआ। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था शुरू हुई। आज हमारा प्रदेश बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व करता है।
सुशासन हो और विकास की किरणें अंतिम व्यक्ति तक
आज छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊंचाइयों की ओर तेजी से बढ़ रहा है।अटल जी की सोच थी कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य हो जहां सुशासन हो और विकास की किरणें समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। छत्तीसगढ़ में ऐसी सरकार हो जो सभी वर्ग के लोगों के लिए समान दृष्टि से काम करें।राज्य में सभी नागरिको के बीच सद्भाव हो।
डबल इंजन की सरकार
प्रदेश का सौभाग्य है कि आज यहां पर डबल इंजन की सरकार है। केन्द्र में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मजबूत नेतृत्व और मार्गदर्शन हम लोगों को प्राप्त है। प्रदेश में हम सभी को मुख्यमंत्री के रूप में श्री विष्णुदेव साय जी का क्षमतावान नेतृत्व मिला है। केवल 10 माह के कार्यकाल में इस सरकार ने जो उपलब्धियां हासिल की है, वह पिछले सरकार अपने 05 साल के कार्यकाल में भी हासिल नहीं कर पाई।
मोदी की गारंटियों को पूरा किया
श्रीमती रेणुका सिंह ने राज्य सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि साय जी की सरकार ने मात्र 10 महीनों के अल्प समय में मोदी जी अधिकांश गारंटियों को पूरा कर दिया है। किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की गारंटी को पूरा करते हुए हमारी सरकार ने 145 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की।
महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त
किसानों को दो वर्षों के बकाया बोनस के रूप में 3716 करोड़ रुपए का भुगतान किया। महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में हर महीने 70 लाख विवाहित माताओं-बहनों को एक-एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। अब तक 9 किश्ते दी जा चुकी हैं। इसके साथ ही हमारी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महतारी सदन के निर्माण की शुरूआत भी की है। 179 महतारी सदनों के निर्माण के लिए 52 करोड़ 20 लाख रुपए की स्वीकृति दे दी गई है।
आदिवासियों और वन आश्रित परिवारों की आय में बढ़ोतरी के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4 हजार रुपए मानक बोरा से बढ़ाकर 5 हजार 500 रुपए मानक बोरा कर दी गई है। तेन्दूपत्ता संग्रहकों को बोनस का लाभ भी मिल रहा है।
राज्य के 18 लाख जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार ने अपने गठन के दूसरे ही दिन कैबिनेट में निर्णय ले लिया था। अब केन्द्र सरकार द्वारा भी योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लिए 8 लाख 46 हजार 931 आवासों की स्वीकृति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारी सरकार का मूलमंत्र है और रहेगा।
स्टॉलों का किया निरीक्षण
श्रीमती रेणुका सिंह ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने जिला प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिले इसके लिए लगातार आम लोगों को योजनाओं की जानकारी देते रहें। समाज कल्याण, स्कूल शिक्षा, कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, उद्यानिकी विभाग, जनसंपर्क विभाग सहित सभी विभागों के स्टालों का अवलोकन किया।
कोरिया को विकास की हर पायदान पर अव्वल स्थान दिलाने में सबकी भागीदारी जरूरी
इसके पहले स्वागत उद्बोधन में कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा सरकार की हर योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को मिले इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्यस्थापना दिवस की यह उत्सव जिलेवासियों और प्रदेशवासियों के लिए यादगार पल है । राज्योत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सबकी भागीदारी से ही कोरिया को स्वस्थ, स्वक्छ और विकास की हर पायदान पर अव्वल स्थान दिलाने में सहयोग करने की अपील भी की।
छत्तीसगढ़ी लोक गीतों व नृत्यों में झूमे कोरियावासी
राज्योत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ने जिलेवासियों को झूमने के लिए आतुर किया। पंथी, करमा, शैला, गेड़ी, ददरिया जैसी लोक पारंपरिक गीतों व नृत्यो की प्रस्तुति स्कूली विद्यार्थियों के अलावा खैरागढ़ संगीत विश्विद्यालय द्वारा भी मंच में मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी।
देर रात तक जिलेवासी आदर्श लोक कला मंच बैकुंठपुर के ममता एवं उनकी साथियों, रमेश गुप्ता द्वारा हारमोनियम एवं तबला की खनकदार आवाज और लोक कला मंच पायल साहू की टीम को सुनने के लिए पहुंचे हुए हैं।