Korba News Today बालिका को बिच्छू ने मारा डंक, एनकेएच में मिली नई जिंदगी, दो बार रुकी धड़कन, कृत्रिम सांस देकर किया इलाज

Korba News Today

उमेश कुमार डहरिया

Korba News Today पीड़िता की हालत और परिजनों के आर्थिक हालात को देख रियायती दर पर किया गया इलाज

Korba News Today कोरबा। जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर सरंगबुंदिया स्थित ग्राम सैण्डल निवासी सुरेश कुमार की 10 वर्षीय पुत्री को घर के आंगन में खेलते वक्त एक बिच्छू ने डंक मार दिया, जिससे बालिका की हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।

यहां हालत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने उसे बिलासपुर रेफर कर दिया। स्थिति बिगड़ता देख परिजनों ने बिलासपुर ले जाने की बजाय बच्ची को शहर के ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल न्यू कोरबा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां एनकेएच की चिकित्सा टीम ने बच्ची की जान बचा ली। बच्ची को मौत के मुंह से वापस लाने पर परिजनों ने चिकित्सकों का आभार जताया है।

Korba News Today ग्राम सैण्डल निवासी 10 वर्षीय किरण को 13 नवंबर को घर के आंगन में खेलते वक्त बिच्छू ने डंक मार दिया। जैसे ही घरवालों को इसका पता चला, वे किरण को आनन-फानन में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के बाद भी बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं होता देख परिजन काफी परेशान थे।

Korba News Today  जिला अस्पताल की ओर से बिलासपुर रेफर किए जाने के बाद परिजन किरण को लेकर न्यू कोरबा हॉस्पिटल पहुंचे। यहां परीक्षण के दौरान पाया गया कि बच्ची ठीक से सांस नहीं ले पा रही है और बेहोशी की हालत में है। स्थिति को देखते हुए मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। एंटी स्नेक वेनम की तरह एंटी स्कॉर्पियन वेनम आसानी से मिलने की गुंजाइश नहीं थी।

Korba News Today लिहाजा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नागेंद्र बागड़ी ने बच्ची को पहले सी-पेप में रखा, परन्तु मरीज को सांस लेने में और ज्यादा तकलीफ होता देख वेंटिलेटर पर रखा। किरण का दो बार दिल की धड़कन भी रुका। पहली बार मसाज करके सांस वापस लाया गया। दूसरी बार डॉ. बागड़ी ने सीपीआर पद्धति से कृत्रिम श्वांस देकर बच्ची को वेंटिलेटर पर रखकर उपचार शुरू कर दिया।

किरण कुछ दिन तक वेंटिलेटर पर रही, हालत सुधरने पर वार्ड में शिफ्ट किया गया। बच्ची अब बिल्कुल स्वस्थ हो चुकी है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। किरण के पिता व परिजन काफी खुश हैं और डॉ. नागेन्द्र बागड़ी, हॉस्पिटल प्रबंधन, ड्यूटी डॉक्टर व स्टाफ के प्रति आभार जताया है। डॉ. बागड़ी ने बताया कि किरण को जब उसके परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तब उसे कृत्रिम श्वांस देकर वेंटिलेटर पर रखा गया।

Korba News Today यह काफी क्रिटिकल केस था। बच्ची अब बिल्कुल स्वस्थ है। उसके पिता सुरेश व परिजन को किरण की हालत देखकर लगा कि उसे बचा नहीं पाएंगे, लेकिन एनकेएच में आने के बाद यहां उपचार करने का तरीका देखा तो उम्मीद जागी। सुरेश ने बताया कि उनके पास इलाज के लिए पैसा भी कम था, लेकिन उनकी हालत जान-समझ कर एनकेएच के डॉक्टर और हॉस्पिटल कर्मचारियों का सहयोग मिला

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU