उमेश डहरिया
Korba Latest News : सेवाकेंद्र जैसा हर परिसर में हो वातावरण : प्राचार्य शांति मोहन्ती
Korba Latest News : कोरबा ..प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेंद्र विश्व सद्भावना भवन के सभागार में संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणी जी 17वीं पुण्यतिथि विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया।
इस अवसर पर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी तथा जवाहर नवोदय विद्यालय सलोरा की प्राचार्य शांति मोहन्ती एवं स्थानीय सेंवाकंद्र प्रभारी बी.के. रुक्मणी, जमनीपाली सेवाकेंद्र प्रभारी बी.के. बिन्दू, सक्ती सेवाकेंद्र प्रभारी बी. के.तुलसी दीदी उपस्थित थी।
दादी प्रकाशमणी जी के तस्वीर पर पुष्पों की माला व श्रद्धासुमन अर्पित कर दीप प्रज्वलन किया गया। अशोक चावलानी ने अपने भाव प्रकट करते हुए कहा कि बाल्यकाल में मिली हुई शिक्षा अंतकाल तक याद रहती है। साथ ही कहा कि जब भी मुझे तनाव होता है तो मै यहां आकर मेडिटेशन रूम में आकर बैठ जाता हूँ मुझे शांति मिल जाती है।
उन्होनें दीदीयों के आग्रह को स्वीकार करते हए मुख्यालय जाने का द्रढ़ संकल्प किया। प्राचार्य शांति मोहन्ती ने कहा कि जिस प्रकार मुझे यहां आकर खुशी मिल रही है। परमात्म ज्ञान की प्राप्ति हो रही है। ऐसा ही वातावरण मुझे मेरे शाला परिसर में मिले पैसा मेरी इच्छा है। उन्होनें ब्रह्माकुमारी बहनों को मेडिटेशन व परमात्म ज्ञान देने के लिए आमंत्रित किया। बी. के. रुक्मणी दीदी ने कहा कि दादी माँ में प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की भासना आती थी।
दादी जी की पालना बेहद ममतामयी थी दिव्य व अलौकिक थी। जमनीपाली सेवाकेंद्र प्रभारी बी. के. बिन्दू दीदी ने कहा कि दादी जी मुख्य प्रशासिका होते हुए भी बहुत सरल स्वभाव की थी। दादी जी आज भी हमारे यादों में अव्यक्त रूप में है, और हमेंशा रहेंगी। उन्होनें कहा कि देवताओं को मानना ही नहीं वरन उसके जैसे जीवन बनाना भी अत्यंत जरूरी है।
इसलिए कहा जाता है नर पैसी करनी करें जो नारायण बनें और नारी पैसी करनी करे जो लक्ष्मी समान बनें। यदि यह दोनो कार्य हो जाए तो हर घर स्वर्ग बन जाएगा। सक्ती सेवाकेंद्र प्रभारी तुलसी दीदी ने कहा कि दादी जी प्रकाश का स्वरूप वा मणि का खान थी।
Korba Latest News : उन्होनें अपने अनुभव सांझा किये। संस्था के सभी भाई बहनों ने पुष्प अर्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर कमल कर्माकर, एस. मुर्ति, रशिम शर्मा, लवलीन गांधी तथा संस्था से जुड़े भाई बहनो की उपस्थिती थी।