Rajesh Agarwal Ka Jivan Parichay : सरगुजा से पहली बार चुनाव जीते राजेश अग्रवाल मंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। सरगुजा महाराज टीएस सिंहदेव को करीबी अंतर से चुनाव हराने वाले राजेश अग्रवाल ने 2023 के चुनाव में सनसनी फैला दी थी। राजेश अग्रवाल (जन्म 1966) छत्तीसगढ़ के एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं व्यवसायी हैं। वे वर्तमान में अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। हालांकि पहले सामान्य वर्ग से अमर अग्रवाल को दावेदार कहा जा रहा था, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन को साधने में अमर अग्रवाल से राजेश अग्रवाल आगे निकल गये।
वर्ष 2023 में जब उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया, तो किसी ने नहीं सोचा था कि वो सिंहदेव को टक्कर दे सकेंगे। लेकिन चुनाव में अप्रत्याशित रूप से जीत दर्ज कर उन्हें सभी को हैरत में डाल दिया। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव को सिर्फ 94 वोटों से पराजित किया।
साधारण परिवार से राजनीति की ऊँचाइयों तक Rajesh Agarwal Ka Jivan Parichay
राजेश अग्रवाल का जन्म सरगुजा ज़िले के अंबिकापुर में हुआ। वे स्वर्गीय चांदी राम अग्रवाल के पुत्र हैं। वर्ष 1983 में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल से कक्षा 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने व्यवसाय को अपने करियर का हिस्सा बनाया और अपनी पत्नी के साथ मिलकर कारोबार शुरू किया।
कांग्रेस छोड़ी, भाजपा का दामन थामाRajesh Agarwal Ka Jivan Parichay
राजनीति में उनकी असली शुरुआत 2018 में हुई, जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफ़ा देकर भाजपा का हाथ थामा। जल्द ही वे सरगुजा जिला कार्यकारिणी के सदस्य बने और पार्टी संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने लगे। मेहनत और समर्पण का नतीजा रहा कि भाजपा ने उन्हें अंबिकापुर जैसी प्रतिष्ठित सीट से प्रत्याशी बनाया।
व्यवसाय Rajesh Agarwal Ka Jivan Parichay
राजेश अग्रवाल लंबे समय तक एक सफल व्यवसायी रहे। अंबिकापुर में उन्होंने और उनकी पत्नी ने मिलकर निजी व्यापारिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया। व्यवसाय से जुड़े रहने के दौरान ही उनका रुझान राजनीति की ओर बढ़ा।
राजनीतिक जीवन Rajesh Agarwal Ka Jivan Parichay
राजनीति में अग्रवाल की सक्रिय भूमिका वर्ष 2018 से शुरू हुई, जब उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। भाजपा ने उन्हें सरगुजा जिला कार्यकारिणी का सदस्य बनाया, जहाँ उनकी कार्यशैली और समर्पण ने संगठन में तेजी से पहचान दिलाई।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी के रूप में अंबिकापुर सीट से मैदान में उतारा गया। यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव का गढ़ मानी जाती थी। कड़े मुकाबले में राजेश अग्रवाल ने कुल 90,780 वोट हासिल कर सिंहदेव को 94 मतों के बेहद मामूली अंतर से हराया। यह जीत छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर साबित हुई।
राजेश अग्रवाल की जीत ने उन्हें प्रदेश की राजनीति में विशेष पहचान दिलाई। एक साधारण व्यापारी से विधायक तक का उनका सफर छत्तीसगढ़ की राजनीति में मेहनत और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। आने वाले समय में वे प्रदेश भाजपा की रणनीतिक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।