सीएम ने कहा- केंद्र ने जल्दबाजी में उठाया कदम
नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को विधानसभा में केंद्र सरकार की देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया, जो सर्वसम्मति से पारित हो गया।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया। साथ ही यूडीएफ ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद यूसीसी में कई संशोधनों और बदलावों का सुझाव भी दिया।
जल्दबाजी में उठाया गया कदम
प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, केरल विधानसभा यूसीसी लागू करने के केंद्र के कदम से चिंतित और निराश है। विजयन ने केंद्र सरकार के इस फैसले को एकतरफा और जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया।
संविधान के अनुरूप नहीं यूसीसी की कल्पना- विजयन
सीएम विजयन ने कहा कि संघ परिवार ने जिस यूसीसी की कल्पना की है, वह संविधान के अनुरूप नहीं है, बल्कि यह हिंदू शास्त्र मनुस्मृति पर आधारित है। उन्होंने कहा कि संघ परिवार ने यह बहुत पहले ही स्पष्ट कर दिया है। वह संविधान में मौजूद किसी चीज को लागू करने की कोशिश नहीं कर रहे।
संविधान देता है धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत जब धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है। ऐसे में उस पर रोक लगाने वाला कोई भी कानून संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
आम सहमति से उठाना चाहिए कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 केवल यह कहता है कि सरकार एक समान नागरिक संहिता स्थापित करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कदम बहस और चर्चा के बाद लोगों के बीच आम सहमति बनने पर उठाया जाना चाहिए और ऐसा नहीं करना चिंताजनक है।
यूसीसी पर लॉ कमीशन ने जनता से मांगे सुझाव
बता दें कि राज्य सरकार ने यह प्रस्ताव ऐसे समय में पेश किया है, जब राज्य में यूडीएफ के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संगठन भी यूसीसी का विरोध कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लॉ कमीशन ने यूसीसी लागू करने के लिए जनता से राय से सुझाव मांगे थे, जिसके बाद कमीशन को जनता से प्रतिक्रियाएं मिली हैं।