Kasdol news today : अपनी नाकामी छुपाने वनरक्षक ने पत्रकारों को झूठे केस में फंसाने की दी धमकी……

Kasdol news today :

भुवनेश्वर प्रसाद साहू

 

Kasdol news today कहीं बिना अपराध के सजा तो नहीं काट रहे होंगे जेल में ग्रामीण ?

 

 

Kasdol news today कसडोल  / बलौदाबाजार !  जिला के कसडोल नगर पंचायत से 40 किमी. दूर बार नवापारा अभ्यारण्य में अभी बरसात के मौसम में कुछ जगहों पर अखाद्य घास उन्नमूलन का कार्य चल रहा है।

वहीं समाचार संकलन के लिये फील्ड में निकले विभिन्न दैनिक समाचार पत्र के संवाददाताओं को खैर छापर नामक स्थान के समीप कक्ष क्रमांक 114 में देवेन्द्र ठाकुर ( वन-रक्षक ) के द्वारा अखाद्य उन्नमूलन के साथ ही चारागाह विकास कार्य से संबंधित कार्य भी , एक ही मजदूर से दोनों कार्यों का काम लिया जा रहा है।

मौके पर मौजूद वनरक्षक देवेंद्र ठाकुर से संबंधित कार्यों की जानकारी पूछे जाने पर भड़कते हुए कहा कि मैं फालतू आदमियों से बात नहीं करता , कह कर चला गया।

 

Kasdol news today इस दौरान उस ( देवेन्द्र ठाकुर ) की इस बात पर दैनिक समाचार पत्र के संवाददाताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए , जहाँ मजदूर घास उखाड़ने के कार्य मे लगा हुआ था उस मजदूर से चल रहे कार्य से संबंधित जानकारी पूछा गया तो उसने ( मजदूर ने ) वन-रक्षक देवेंद्र ठाकुर ने मुझसे कहा है कि मैं कुछ नहीं जानता , ऐसा कहना !

जो भी जानकारी लेना है डिप्टी साहब से जाकर पूछो ! किसी को कुछ भी मत बतलाना जो भी हो , उसको मेरे पास भेजना करके बोले है ! जाओ जाकर डिप्टी साहब गोपाल वर्मा से पूछो ! मेरा क्या उखाड़ लोगो ? वीडियो बनाना बंद करो ! तुम लोगों को , चीतल के सींगों के साथ फोटो खींच कर झूठे केस में ( देवेन्द्र ठाकुर द्वारा कहा गया कथन ) मैं फंसा दूंगा।

इस तरह से दैनिक समाचार पत्र के संवाददाताओं के द्वारा सामान्य जानकारी पूछे जाने पर झूठे केस में फंसा देने की धमकी दी गई!

आखिर किसके संरक्षण में एक अदना सा वनरक्षक धमकी दे रहा है ? जिसने नौकरी भी आरक्षण से पाई है ???

आपराधिक सोच रखने वाले देवेंद्र ठाकुर और वन-विभाग में कार्य करने अधिकारी – कर्मचारियों द्वारा ऐसे में , ना जानें कितने मासूम गांव वालों को अपनी नाकामियों और अपनी जिम्मेदारिओं से बचने के लिए झूठे केस में फंसाते आ रहे होंगे ? इन वर्दीधारी गुंडों की वजह से , ग्रामीण निरापराध सजा भुगतते होंगे ?

जब इस तरह से विभिन्न दैनिक समाचार पत्र के संवाददाताओं को झूठे केस में फंसाने की खुलेआम धमकी दी जा रही है तो कम पढे़-लिखे ग्रामीणों के साथ में , ये वनभक्षक मतलब वनरक्षक कैसा व्यवहार करते होंगे ?

ये वही वन-रक्षक है जिनके पकरीद निवास स्थान से महज 50 मीटर की दूरी पर दो तीन दिनों पूर्व देवपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत विद्युत करेंट की चपेट में आने से एक वन्यजीव की दर्दनाक मौत हुई थी और इसको भनक तक नहीं लगा !

इसको ( देवेन्द्र ठाकुर को ) विभागीय तौर से कुछ भी पूछताछ नहीं हुई। क्या इस घटना के लिए ये जवाबदेह नहीं है या केवल हर महीना सरकारी वेतन पर एशो-आराम करने के लिये देवेन्द्र ठाकुर , आरक्षण की बैशाखी से वनरक्षक बना बैठा है ?

वन विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा भी अपने इस चहेते कर्मचारी की नाकामियों पर लगातार पर्दा डालते आ रहे हैं !

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वही इस सम्बंध में बार नवापारा अभ्यारण्य वन-अधीक्षक आनंद कुदर्रिया ने घटना पर खेद जताते हुए वन-रक्षक देवेंद्र ठाकुर पर जांच उपरांत कार्यवाही करने की बात कही है जो कि महज लीपा- पोती होगी !

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