Kasdol balodabazar News : जमीन के क्रय संबंधी दस्तावेज नहीं दिखाने पर, लवन पटवारी कर सकता है आपकी जमीन को दूसरे के नाम पर…पढ़िये पूरी खबर

Kasdol balodabazar News : जमीन के क्रय संबंधी दस्तावेज नहीं दिखाने पर, लवन पटवारी कर सकता है आपकी जमीन को दूसरे के नाम पर...पढ़िये पूरी खबर

Kasdol balodabazar News : जमीन के क्रय संबंधी दस्तावेज नहीं दिखाने पर, लवन पटवारी कर सकता है आपकी जमीन को दूसरे के नाम पर…पढ़िये पूरी खबर

भुवनेश्वर प्रसाद साहू

कसडोल समाचार
Kasdol balodabazar News : बलौदाबाजार जिला , राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है ! पटवारी अपने आप को जिलाधीश से कम नहीं समझते ? तभी तो किसी भी किसान की जमीन को

https://jandhara24.com/news/129146/cm-baghel-will-campaign-in-3-assembly-constituencies-on-gujarat-tour/

Kasdol balodabazar News :  किसी भी किसान के नाम पर स्थानांतरित कर दे रहे हैं , के नाम चढ़ा दे रहे हैं ऋण पुस्तिका में ! और पटवारी पर कार्यवाही शुन्य है क्योंकि कार्यवाही कर्ता अधिकारी तहसीलदार , एसडीएम तक पटवारी की पहुंच है !

एक तरफ शासन प्रशासन के द्वारा बेघर व गरीब लोगों को जमीन उपलब्ध कराकर , मकान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ! वहीं दूसरी तरफ पटवारी के द्वारा ही बेघर करने का प्रयास किया जा

रहा है ! एक मामला लवन तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम सरखोर का है जहां लवन तहसील क्षेत्र के एक पटवारी के द्वारा एक किसान से ऋण पुस्तिका को मांग कर , दूसरे के नाम पर चढ़ा देने का

मामला सामने आया है ! किसान ने उक्त मामले की शिकायत जन चौपाल और लवन तहसील न्यायालय में कर चुका है ! इसके बावजूद पटवारी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है ! उल्टा पटवारी द्वारा किसान से जमीन खरीदी के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं !

जिलाधीश से शिकायत के बाद भी पटवारी पर कोई कार्यवाही नहीं !

किसान द्वारा इसके पहले भी बलौदाबाजार जिलाधीश के पास पटवारी बृहस्पति प्रधान हल्का नंबर 31ए की शिकायत कर चुका है , पर कार्यवाही शून्य है !

Rajnandgaon : जिला स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक में खिलाडिय़ों में रहा अपूर्व उत्साह, जोश एवं जुनून
किसान ने एक बार फिर न्याय नहीं मिलने पर , पुन: कलेक्टर जन चौपाल में शिकायत की है !
किसान की मांग है कि उसकी दो खसरा नंबर की 65 डिसमिल भूमि को पटवारी के द्वारा ही छेड़छाड़

कर दूसरे के नाम पर चढ़ाया गया है ! फर्जी तरीके से दूसरे के नाम पर चढ़ाई गई जमीन को वापस अपने नाम पर करने की मांग शिकायतकर्ता के द्वारा तहसील न्यायालय व जन चौपाल में की है !

शिकायतकर्ता बसंत कुमार पिता चैतराम ग्राम सरखोर निवासी ने पटवारी बृहस्पति प्रधान पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि शिकायतकर्ता की ऋण पुस्तिका क्रमांक P269 3285 जारी था !

इसमें खसरा नंबर 1768 / 1 रकबा 0 /129 और 1768 / 2 और 0 / 134 हेक्टेयर की भूमि राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है ! जिसे पटवारी बृहस्पति प्रधान द्वारा शिकायतकर्ता किसान के पुराने ऋण पुस्तिका

को मंगाकर , अपने पास जबरदस्ती पुर्वक रख लिया गया था और शिकायतकर्ता बसंत को नया ऋण पुस्तिका पी 269 6530 को जारी कर उक्त दोनों खसरा नंबर की भूमि को विलोपित कर , दूसरे किसान के नाम पर दर्ज कर दिया गया है !

जिसके बाद शिकायतकर्ता किसान ने पटवारी बृहस्पति प्रधान के पास जाकर चर्चा की तो शिकायतकर्ता किसान को पटवारी बृहस्पति प्रधान के द्वारा जानकारी देने के बजाय , तुझे जो करना है जा कर ले !

जिसके पास जाना है , जाओ ! मैं किसी को नहीं डरता ! जैसे शब्दों से पीड़ित किसान को , अपमानित कर पटवारी कार्यालय से भगा दिया गया !

यहां तक कि पटवारी बृहस्पति प्रधान ने , पीडि़त किसान को तुमको मरना है तो जा कर मर जाओ ! कह कर कड़ी शब्दों में निंदा कर अपमानित किया गया !

पीड़ित किसान ने अपनी शिकायत में बतलाया कि पटवारी बृहस्पति प्रधान के द्वारा रजिस्ट्री शुदा स्टांप पेपर पर भी लाल स्याही से काट छांट कर खसरा नंबर 1768 /1 व 1768 / 2 को गोल घेरा कर

छेड़छाड़ की गई है ! पीड़ित किसान ने यह भी बतलाया कि उसने अपनी जमीन को ना तो किसी को बेचा है और ना ही गिरवी रखा गया है ! पटवारी बृहस्पति प्रधान की वजह से मैं जमीन को लेकर पिछले 3 साल

से तहसील न्यायालय का चक्कर काटने को मजबूर हो गया हूं ! पीड़ित किसान ने अपने दिए शिकायत में कहा कि एक सप्ताह के भीतर पटवारी बृहस्पति प्रधान पर कार्यवाही नहीं हुई तो बलौदाबाजार कलेक्टर

कार्यालय में अपने पूरे परिवार सहित पहुंच कर आत्मदाह करूंगा !!! जिसका संपूर्ण जवाबदार शासन प्रशासन का होगा !

बताते चलें कि ऐसा ही एक प्रकरण कसडोल तहसील न्यायालय/ कार्यालय का भी है !

पूर्व जिलाधीश सुनील जैन के पास कसडोल के किसान भुवनेश्वर प्रसाद साहू द्वारा ऋषिकेश मिश्रा ( पूर्व में कसडोल पटवारी अब मोहतरा ) के खिलाफ लिखित शिकायत किया गया है कि मेरी पैतृक भूमि 670 /

2 को सन् 2019 में किसी अन्य किसान के नाम पर चढ़ा दिया गया है ! जिसकी जांच करने के लिए पूर्व जिलाधीश सुनील जैन ने कसडोल एसडीएम को आदेशित किया था ! कसडोल एसडीएम ने अतिरिक्त

नायब तहसीलदार राधेलाल वर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया ! किसान भुवनेश्वर प्रसाद साहू ने जमीन खरीदी के स्टांप पेपर जो चालीस वर्ष पुराना है , जांच अधिकारी को प्रस्तुत किया !

मौका मुआयना ( पूर्व कसडोल पटवारी अब मोहतरा ) ऋषिकेश मिश्रा द्वारा किया गया , आजू बाजू वाले खेत के किसानों के बयान लिए गए ! जिसके नाम पर जमीन को चढ़ा दिया गया है उस किसान के भी

बयान लिए गए ! बयान में उस किसान ने स्वीकार भी किया है कि खसरा नं़670/2 जमीन को मेरे पिताजी स्व.रामरतन पटेल द्वारा भुवनेश्वर प्रसाद साहू के पिताजी स्वर्गीय शिवराम साहू को 40 वर्ष पूर्व बेच दिया गया है !
खसरा नं.670/2 पर 40 वर्षों से कब्जा स्वर्गीय शिवराम साहू और अब उनके वारिसान भुवनेश्वर प्रसाद साहू का है !

पटवारी द्वारा तहसीलदार को प्रकरण बनाकर प्रस्तुत किया जा चुका है , फिर भी अभी तक जमीन भुवनेश्वर प्रसाद साहू के नाम पर वापस नहीं चढ़ाई गई है , पटवारी रिकॉर्ड में !

भ्रष्टाचार की जननी है राजस्व विभाग!

इसीलिए लोग कहते हैं भ्रष्टाचार की प्रथम जननी , राजस्व विभाग है और इसमें काम करने वाले कर्मचारियों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है !

घूस दो और काम करवाओ , इनका मूल मंत्र है ! चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक !
आज तक किसी भी पटवारी पर , उसके लापरवाही पूर्वक कार्य के लिए कभी भी कोई दंड नहीं दिया गया

है ! पटवारी मजे से बैठकर अपने कार्यालय में आराम फरमाता है और किसान सबूत पेश करने के लिए रुपया खर्चा करता है ! गलती पटवारी करता है और भुगतता किसान है !

फिर भी राजस्व विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुलती है , जब तक कोई गंभीर घटना , घटित ना जाए !

अब इसे क्या कहेंगे ,
चोरी और सीनाजोरी !

बलौदाबाजार जिला , तहसील के पटवारी बृहस्पति प्रधान पटवारी हल्का नंबर 31ए का कहना है कि पीड़ित किसान बसंत कुमार पिता चैतराम ग्राम सरखोर के पास जमीन क्रय संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं

है और न्यायालय के समक्ष भी कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया ! अतः उक्त जमीन किसान की नहीं है !
मतलब तहसील न्यायालय का फैसला आने से पहले , फैसला पटवारी ने कर दिया ! अगर आपके पास

जमीन खरीदी संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं है तो पटवारी उसे दूसरे के नाम पर चढ़ा सकता है?
जबकि जमीन खरीदी के रिकॉर्ड प्रस्तुत करना , किसी भी किसान के लिए संभव नहीं है वर्तमान समय में !

क्योंकि जमीन किसान को पैतृक रूप से प्राप्त होती है ! ऐसे में किसान जमीन खरीदी के पुराने दस्तावेज कहां से /लाए/दिखाए !

बलौबाजार जिला में किसी भी पटवारी का ट्रैक रिकॉर्ड खराब ही है ,किसानों से दुर्व्यवहार करना , रुपए वसूलना ! फिर भी आज तक किसी भी पटवारी को निलंबित नहीं किया गया है ( यह अलग बात है कि

अधिकारी के नाराज होने पर पटवारी को निलंबित कर दिया जाता है पर किसी किसान के विरूध्द किए गए कार्य के लिए , आज तक किसी पटवारी का निलंबित नहीं किया गया है ) और ना ही उसका ट्रांसफर

दूरदराज में किया जाता है ! बलौदाबाजार जिला में किसी भी पटवारी का ट्रांसफर , उसके वर्तमान पटवारी हल्का नंबर से 2 किलोमीटर या 4 किलोमीटर के दायरे में ही किया जाता है और कुछ महीने बाद

उसी पटवारी को पुनः वही हल्का नंबर दे दिया जाता है ! जैसा कि अब तक ( पूर्व कसडोल पटवारी अब मोहतरा ) ऋषि मिश्रा के लिए किया जाता रहा है

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU