Jute bags – ओल्ड जूट बैग में तूफानी तेजी

1300 नहीं, अब 1800 रुपए में…!
प्लास्टिक बोरियां भी गर्म

राजकुमार मल
भाटापारा। 13 रुपए नहीं, अब 18 रुपए प्रति नग की दर पर खरीदनी पड़ेगी जूट की बोरियां। मांग के दबाव में प्लास्टिक की बोरियां भी हैं, जिनकी प्रति नग दर 12 रुपए बोली जा रही है। बीते माह 7 से 10 रुपए पर मिल रही थी।
विलंब से शुरू हुआ है इस खरीफ में पुराने बारदाने का बाजार। तेजी की धारणा अब सही साबित होती नजर आ रही है क्योंकि जहां मांग ने दस्तक दे दी है, वहीं पड़ोस के आधा दर्जन जिलों की डिमांड बहुत जल्द निकलने के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि दीपावली अवकाश के बाद मंडियों में कामकाज बढऩे लगा है, वहीं 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी भी चालू हो रही है।

अब 1800 रुपए सैकड़ा
ओल्ड जूट बैग। बारदाने की खरीदी में किसान और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां इसे ही प्राथमिकता देतीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उपज की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी। ऐसे में भंडारण दीर्घकाल तक के लिए किया जा सकता है, लिहाजा ओल्ड जूट बैग मार्केट में खरीदी निकलने लगी है। रुझान बेहतर भविष्य को स्पष्ट कर रहा है। इसलिए माह भर पहले तक 1300 से 1400 रुपए सैकड़ा में चल रहा ओल्ड जूट बैग 500 रुपए की तेजी के बाद, अब 1800 रुपए सैकड़ा पर पहुंच गया है।
700 नहीं, अब 1200 रुपए
आटा की खाली बोरी 7 रुपए प्रति नग। शक्कर 10 रुपए और उर्वरक की खाली बोरियां 800 रुपए सैकड़ा। सितंबर अंत में थी यह दर। अब इन तीनों किस्म की प्लास्टिक की बोरियां 1200 रुपए सैकड़ा पर पहुंच गई है। भंडारण में कम, परिवहन में ज्यादा उपयोग में लाई जाने वाली यह बोरियां आगत दिनों में और भी तेज हो सकतीं हैं क्योंकि प्रयोग क्षेत्र लगातार विस्तार ले रहा है। इसके अलावा दीगर उपयोग भी किया जा सकता है।

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निकल रही मांग यहां से
समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 14 नवंबर से शुरू हो रही है। ऐसे में बिलासपुर, मुंगेली, कवर्धा, जांजगीर-चांपा, कटघोरा-कोरबा और बेमेतरा जिले की मांग ओल्ड जूट बैग मार्केट में पहुंचने लगी है। इसलिए भी प्लास्टिक और ओल्ड जूट बैग की कीमतों में तेजी की संभावनाएं बनाएं हुए हैं। मार्केट ने भी अपनी तैयारी ऐसी ही स्थितियों को देखते हुए की हुई है। फिलहाल शॉर्टेज की आशंका नहीं है क्योंकि अपेक्षित मांग के मद्देनजर पुराने बारदानों का पूर्ण भंडारण किया जा चुका है।

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