राजस्थान अध्ययन भ्रमण से लौटे पत्रकारों ने मुख्यमंत्री साय से की सौजन्य मुलाकात



रायपुर। राजस्थान के अंतर्राज्यीय अध्ययन भ्रमण से लौटने के बाद छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर पत्रकारों ने 15 से 20 दिसंबर तक राजस्थान भ्रमण के दौरान वहां की विधायिका, प्रशासनिक कार्यप्रणाली और पर्यटन क्षेत्र में किए गए नवाचारों से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए अंतर्राज्यीय अध्ययन भ्रमण कार्यक्रम शुरू किया गया है, ताकि अन्य राज्यों के शासन-प्रशासन, पर्यटन और सांस्कृतिक विकास से जुड़े नवाचारी प्रयासों को पत्रकारों के दृष्टिकोण से समझा जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे अध्ययन भ्रमणों से प्राप्त अनुभवों के आधार पर छत्तीसगढ़ में भी नई और प्रभावी पहल की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे इस यात्रा के अनुभवों को यात्रा-वृत्तांत के रूप में लिपिबद्ध करें, जिससे यह आम पर्यटकों के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की लेखनी केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि पर्यटन को प्रोत्साहन देने का एक सशक्त साधन भी है।

प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यटन के समग्र विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने विशेष रूप से बस्तर क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बस्तर धरती स्वर्ग के समान है, लेकिन नक्सलवाद लंबे समय तक इसके विकास में बड़ी बाधा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में राज्य सरकार पूरी दृढ़ता के साथ कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि पर्यटन को राज्य की नई उद्योग नीति में शामिल किया गया है। इसके तहत सुदूर वनांचलों में होम-स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि पर्यटक ग्रामीण परिवारों के साथ रहकर उनकी संस्कृति, खान-पान और जीवनशैली को नजदीक से अनुभव कर सकें। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि विश्व के 20 प्रमुख पर्यटन स्थलों में छत्तीसगढ़ के धुड़मारास का शामिल होना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि इन पर गंभीरता से विचार कर उन्हें अमल में लाया जाएगा।

इस अवसर पर जशपुर से विजय त्रिपाठी ने बताया कि राजस्थान भ्रमण के दौरान वहां की विधानसभा देखने का अवसर मिला, जहां आमजन को विधि निर्माण की प्रक्रिया और विधानसभा की कार्यप्रणाली से अवगत कराने के लिए एक भव्य संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इस संग्रहालय के माध्यम से राज्य निर्माण से लेकर वर्तमान तक की विधायी यात्रा और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के योगदान को समझा जा सकता है।

कोरबा से विजय खेत्रपाल ने कहा कि अध्ययन भ्रमण के दौरान यह जानने का अवसर मिला कि राजस्थान में सैकड़ों वर्ष पुराने किलों और महलों को आधुनिक जनसुविधाओं से जोड़कर पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया गया है। इसके साथ ही रेगिस्तानी क्षेत्रों में जीप सफारी, ऊंट सवारी, पैरा-सेलिंग और डेजर्ट कैंप जैसी गतिविधियों के माध्यम से पर्यटन को आकर्षक बनाया गया है, जो छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रभावी उदाहरण हो सकता है।

जगदलपुर के अर्जुन झा ने जयपुर स्थित चोखी ढाणी के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां ग्रामीण जीवन, लोकसंस्कृति और खान-पान को एक ही मंच पर प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसी तरह बस्तर पंडुम के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को पर्यटकों के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है। टिंकेश्वर तिवारी ने भी राजस्थानी खान-पान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों को पर्यटन स्थलों पर प्रमुखता से बढ़ावा देने पर जोर दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक संजीव तिवारी, संयुक्त संचालक जितेंद्र नागेश सहित पत्रकार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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