JNU ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग का हिस्सा नहीं : शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित…

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) भारत में एक प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थान है, जिसे विश्वसनीयता, गहराई और विविधता के लिए प्रसिद्धा प्राप्त है। हालांकि, इसे कई बार ‘देशी विरोधी’, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा होना’, ‘ब्राह्मण विरोधी विचारधारा’ जैसे आरोपों का सामना करना पड़ा है।

इन आरोपों को लेकर जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने स्पष्टता से उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि जेएनयू कभी भी “राष्ट्र-विरोधी” या “टुकड़े-टुकड़े” गैंग का हिस्सा नहीं था। वे बताते हैं कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य हमेशा सामाजिक और राष्ट्रीय समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना रहा है।

शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने जेएनयू के गौरवशाली इतिहास और उद्देश्य का जिक्र किया, जहां उन्होंने बताया कि संस्था हमेशा असहमति, बहस, और लोकतंत्र को बढ़ावा देती रही है। जेएनयू एक ऐसा स्थान है जहां विचारों का विस्तार और स्वतंत्रता को महत्व दिया जाता है, जो छात्रों को एक स्वतंत्र और अध्ययन के वातावरण में विकसित करता है।

Congress महिलाओं के लिए मिल का पत्थर साबित होगी कांग्रेस का महालक्ष्मी योजना

जेएनयू की कुलपति ने उत्कृष्ट शिक्षा, अनुसंधान, और नैतिकता के माध्यम से समाज की सेवा करने का संकल्प दिखाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संस्था का मिशन हमेशा राष्ट्रीय और सामाजिक प्रगति में योगदान करना है, जिसमें सामाजिक न्याय, भारतीय संस्कृति की मान्यता, और विचारशीलता का महत्वपूर्ण स्थान है।

जेएनयू के इस उत्तर से, उसकी भूमिका और योगदान की समझ में और भी विश्वास जागृत होता है, जिससे समाज को विश्वसनीय और समर्थ दिशा मिलती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU