रायपुर। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित एवं हिंदी साहित्य जगत के प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल (89 वर्ष) का उपचार एम्स रायपुर में जारी है। उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है, हालांकि चिकित्सकों के अनुसार फिलहाल वह स्थिर हैं। एम्स रायपुर की चिकित्सक एवं नर्सिंग टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।
जानकारी के अनुसार विनोद कुमार शुक्ल को 2 दिसंबर 2025 को सांस लेने में तकलीफ के चलते एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। इससे पूर्व अक्टूबर 2025 में भी श्वसन तंत्र संबंधी समस्या के कारण उनका इलाज एक निजी अस्पताल में किया गया था। वर्तमान में उन्हें एमआईसीयू में रखा गया है, जहां वेंटिलेटर के माध्यम से ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है।
एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेणु राजगुरु स्वयं उनकी चिकित्सकीय स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उनके इलाज के लिए चिकित्सा, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, रूमेटोलॉजी, पल्मोनोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी और भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभागों के विशेषज्ञों की एक बहुविषयक टीम गठित की गई है। इस टीम का नेतृत्व चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय आर. पंडित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 8 दिसंबर को एम्स रायपुर का दौरा कर विनोद कुमार शुक्ल की स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली थी और चिकित्सकों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
एम्स अधिकारियों के अनुसार निरंतर चिकित्सकीय निगरानी और विशेषज्ञों के समन्वित प्रयासों से उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बनी हुई है। कार्डियोलॉजी और पल्मोनोलॉजी विभाग उनकी हृदय एवं श्वसन प्रणाली पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि नियमित निगरानी और बहुविषयक उपचार के चलते सुधार की उम्मीद बनी हुई है।
विनोद कुमार शुक्ल का हिंदी साहित्य में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनकी रचनाओं में सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय संवेदनाओं की गहरी अभिव्यक्ति देखने को मिलती है। उनके स्वास्थ्य को लेकर साहित्य जगत और प्रदेशभर में शुभकामनाएं व्यक्त की जा रही हैं।