Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा

Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा

Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा

 

Jashpur News: महिला एवं बाल विकास विभाग ने की गड़बड़ी

जांच समिति अध्यक्ष आशिका द्वारा निष्पक्ष जाँच कर बगीचा मुख्य कार्यपालन अधिकारी को रिपोर्ट सौंपी

जांच समिति ने महिला बाल विकास विभाग के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की

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जशपुर – जिले के बगीचा जनपद पंचायत में सामान्य सभा की बैठक में सदस्यों ने महिला एवं बाल विकास विभाग की शिक़ायत की थी जिसके बाद जनपद पंचायत द्वारा जांच समिति का गठन किया गया था।

समिति ने एक हफ्ते बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसमें विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि की मितव्यतता उजागर हुई है।

बता दें कि सामान्य सभा में जनपद उपाध्यक्ष सुरेश जैन ने शिक़ायत की थी आंगनबाड़ी केंद्रों में रंग रोगन का कार्य आधा अधूरा है। साथ ही वन विभाग सभापति विपिन सिंह ने अंडा वितरण का मुद्दा उठाया था।

दोनो ही मामलों में आबंटित राशि के अनुरूप कार्यों में समानता नहीं थी जिसकी वजह से विरोध करना जायज था।

जनपद में मुद्दा तूल पकड़ चुका था। ऐसे में जाँच होना अवश्यक हो गया जिसके बाद जनपद की सहमती से जाँच समिति का गठन हुआ। समिति की अध्यक्ष सभापति आशिका कुजूर को बनाया गया।

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समिति ने जांच के बाद एक हफ्ते मे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही खुल कर सामने आई है।

आबंटित राशि का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है यह भी देखने को मिला। समिति की सम्मिलित रिपोर्ट में यह भी सामने आया की जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति अत्यन्त जर्जर है,

जहाँ बच्चों को दिन भर बैठा कर पढाना या खेलाना संभव नहीं है उन केंद्रों में मरम्मत की बजाय विभाग ने खानापूर्ति करते हुए बाह्य दो दीवारों में रंग रोगन कर पल्ला झाड़ लिया।

आंगनबाड़ी करणकर्ताओं की शिक़ायतों की मोटी फाइल्स में धूल जम रही है लेकिन विभाग द्वारा कोई सुनवाई नहीं होती है। कार्यकर्तागण जर्जर भवन में तो कुछ अपने निजी निवास में बच्चों के लिए आंगनबाड़ी संचालित करने पर मजबूर हैं।

 

कुछ आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे भी हैं जिनका निर्माण 2010 में हुआ था लेकिन 2022 तक एक बार भी रंग रोगन नहीं हुआ है वहीं छत से पानी भी टपकता है। सड़क किनारे जो केंद्र हैं उनकी स्थिति कुछ बहुत ठीक भी है लेकिन बिजली की व्यवस्था सभी केंद्रों में लगभग ना के बराबर है।

वहीं बात जब अंडा वितरण की निकली तो कई आंगनबाड़ी केंद्रों में इसकी लिखित जानकारी मिली ही नहीं और कुछ केंद्रों में हड़बड़ी में बनाई हुई कटी फटी रजिस्टर भी देखने को मिली।

मौखिक रूप से अंडा वितरण की सहमति मिली है। हितग्राहियों ने तो यह भी कहा की अंडा सड़ा हुआ आया था उसे बच्चों को कैसे खिलाते।

विभाग द्वारा दिये गए कागजों में सभी केंद्रों में रंग रोगन और अंडा वितरण हुआ है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार उन्होंने खानापूर्ति के लिए काम भी उतना ही किया लेकिन गौरतलब है कि जिन केंद्रों में छत टपक रहा हो, भवन इतना जर्जर कि कभी भी छत टूट टूट कर गिरता रहता है,

Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा
Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा

बिजली ना हो तो ऐसे में बच्चों को वहाँ दिन भर बैठाना संभव नहीं हो रहा वहाँ बाह्य दो दीवारों का रंगरोगन मासूम बच्चों को ठेंगा दिखाने जैसा काम है।

जांच समिति की अध्यक्ष आशिका कुजूर ने कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड बर्दास्त नहीं होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा एवम् अन्य सभी इंतज़ाम भली भाती होने चाहिए इसके लिए हमारी जाँच समिति लगातार सभी शिक्षण संस्थानों पर निगरानी रखेगी।

Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा
Jashpur News : जांच रिपोर्ट में हुआ विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही और राशि मितव्ययता का खुलासा

समिति के सभी सक्रिय सदस्यों की सहमति से यह टीम निस्वार्थ भाव से निरीक्षण करती रहेगी। इस टीम की खास बात यह है कि इसमें जो सदस्य हैं वो कांग्रेस एवं BJP दोनो के हैं इसलिए जाँच की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

समिति के सभी सदस्यगण बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है इसलिए स्वेक्षा से स्थायी रूप से निगरानी रखने का प्रस्ताव रखा गया है।

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