Jandhara Multimedia Group Exclusive : 5 साल बाद राजधानी में डेरा डाले ये साहब कर रहे हैं विधायकों को फोन, नई सरकार के गठन के लिए हुए सक्रिय

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आशीष तिवारी

 

Jandhara Multimedia Group Exclusive : 5 साल बाद राजधानी में डेरा डाले ये साहब कर रहे हैं विधायकों को फोन, नई सरकार के गठन के लिए हुए सक्रिय

Jandhara Multimedia Group Exclusive :  रायपुर. छत्तीसगढ में नई सरकार के गठन के लिए कवायद बहुत तेज है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद के लिए रेस में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और रामविचार नेताम का नाम प्रमुखता से शामिल है. बताया जा रहा है भाजपा सरकार के दौरान बहुत शक्तिशाली अधिकारियों में शुमार अमन सिंह भी कुछ दिनों से राजधानी में डेरा जमाए हुए हैं. उनकी मौजूदगी से भी कुछ लोग कयास लगा रहे हैं कि डॉ रमन सिंह फिर से बड़ी भूमिका में वनापसी कर सकते हैं. उनके अलावा रमन सिंह की सरकार में उनके करीबी रहे अफसर भी उत्साहित हैं. बताया तो यहां तक जा रहा है कि इन अधिकारियों का लगातार फोन विधायकों के पास भी पहुंच रहा है. ऐसे में माना जा सकता है कि नई सरकार के गठन को लेकर जहां सियासी गलियारे में हलचल तेज है वहीं प्रशासनिक अमला भी अपने हिसाब से तैयारियों में जुट गया है. हर तरफ फिल्डिंग सेट किया जा रहा है.

Jandhara Multimedia Group Exclusive : रायपुर में नतीजे के बाद से ही प्रदेशभर से आ रहे कार्यकर्ताओं नेताओं का जमावड़ा तो है ही. वहीं नए पुराने अधिकारी भी सक्रिय हो रहे हैं. वहीं कुछ अफसर अपनी नई भूमिका के इंतजार कर रहे हैं. रमन सिंह ने कल ही ट्विट कर एक तरह से भूपेश सरकार के करीबीव अफसरों को धमकाया था और उन्हें बैक डेट पर साइन कर फाइल बढ़ाने से बाज आने के लिए कहा था. इससे समझा जा सकता है कि इस वक्त मंत्रालय स्तर पर किस तरह की गहमा गहमी है. और वहां हो रही पूरी हलचल की जानकारी बड़े नेताओं तक पहुंच रही है. बहरहाल देखने वाली बात होगी कि नई सरकार के गठन के बाद कौन कौन से अफसर की भूमिका में बदलेगी. कौन ज्यादा फॉवरफुल होगा कौन लूप लाइन में जाएगा.

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Jandhara Multimedia Group Exclusive :  हालांकि रमन सिंह के करीबी पुराने अफसरों के सक्रिय होने से साहबों के बीच एक नई दौड़ शुरू हो गई है. डॉ रमन सिंह 15 साल तक इस प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं इस लंबे कार्यकाल के दौरान बहुत से अफसर उनके करीबी माने जाने लगे थे. पिछली बार जब 2018 में 15 साल की सरकार जब 15 सीटों पर सिमट गई थी तब हार के कारणों में सरकार पर अफसरशाही का हावी होना भी माना गया था ।

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