Jammu and Kashmir जम्मू-कश्मीर में लोगों को है अपनी इच्छा के मुताबिक जिंदगी जीने की आजादी: सिन्हा
Jammu and Kashmir श्रीनगर ! जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि केन्द्रशासित प्रदेश में दूसरे के आदेश का पालन करने के बजाय लोगों को अपनी इच्छा के मुताबिक जिंदगी जीने की आजादी है।
Jammu and Kashmir सिन्हा ने विकास के परिदृश्य के मुद्दे पर आयोजित इंडियन फाउंडेशन की गोलमेज सम्मेलन को आभासी माध्यम से संबंधित करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर में चार वर्ष से भी कम समय में अद्भुत बदलाव हुआ है। हमने लगभग सात दशकों से प्रचलित भेदभावपूर्ण प्रणालियों को समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि लोगों को दूसरे के आदेश को मानने के बजाय अपनी इच्छा के मुताबिक जिंदगी जीने की आजादी है। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद पहली बार प्रदेश के आम लोग स्वतंत्र रूप से सोच सकते हैं और अलगाववाद-आतंकवाद के भय के बिना अपनी इच्चा को व्यक्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आम लोगों की जिंदगी में हुए बदलाव का यह प्रत्यक्ष प्रमाण है।”
उन्होंने कहा कि केन्द्रशासित प्रदेश में समानता के साथ तेजी से विकास तथा बेजोड़ उन्नति हुई है। तेज सामाजिक बदलाव से आम लोगों की जिंदगी में दिन प्रतिदिन बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा, “ विकास की सफर में शांति प्रथम कदम है। हम शांति को खरीदने में नहीं बल्कि स्थापित करने में विश्वास करते हैं।”
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उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले 70 सालों से भेदभाव की नीति प्रचलित थी और नागरिकों को विकास का समान्य अवश्य नहीं प्राप्त हो रहा था। उन्होंने कहा कि जी-20 का शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होना, 34 साल बाद मुहर्रम के मौके पर जुलूस का निकलना, सिनेमा घरों का फिर से खुलना, आतंकवादियों के आगमन में अभूतपूर्व कमी से यह संदेश गया है कि जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ रहा है।
इस मौके पर इंडिया के संस्थापक राम माधव, नीति आयोग के कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, इंडिया फाउंडेशन के निदेशक आलोक बंसल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) सैयदा अता हसनयन, गणमान्य व्यक्ति, विशेषज्ञ, इंडिया फाउंडेशन के अधिकारी और कर्मचारियों ने अपने विचार रखे और प्रशासन की ओर से केंद्र शासित प्रदेश के विकास के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।