Jagdalpur latest news छुई मिट्टी खदान हादसे में मृत महिला और परिजनों ने कर लिया है धर्मान्तरण
Jagdalpur latest news जगदलपुर। छुई मिट्टी खदान दुर्घटना में मृत एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर मालगांव में आठ घंटे तक हंगामा होता रहा। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन गांव वाले मानने को तैयार नहीं थे।
Jagdalpur latest news मृतका और उसके परिजन माहरा जाति के हैं, लेकिन उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है। परिजन महिला का अंतिम संस्कार ईसाई परम्परा के अनुसार करना चाहते थे और गांव वालों की मंशा थी कि हिंदू मान्यता के अनुसार शवदाह किया जाए। करीब आठ घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद शाम 4. 15 बजे महिला का अंतिम संस्कार हो पाया।
Jagdalpur latest news बकावंड विकासखंड के ग्राम मालगांव में शुक्रवार को छुई मिट्टी खदान धसक जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी। शवों का पोस्टमार्टम कल ही मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में हो गया था।
परिजन शव लेकर शाम को गांव लौट गए थे। शनिवार को सुबह पांच शवों का हिंदू रीति के तहत दाह संस्कार कर दिया गया, लेकिन मांझीपारा निवासी 30 वर्षीय सैयलो पति कमलसाय माहरा के शव को परिजन ईसाई परम्परा के अनुसार दफनाने की पहल करने लगे। ग्रामीण इसके विरोध में खड़े हो गए।
Jagdalpur latest news मालगांव के सरपंच बलराम बघेल, अन्य ग्राम प्रमुख तथा ग्रामीण कहने लगे कि सैयलो का अंतिम संस्कार हिंदू रीति से होना चाहिए। सैयलो के परिजन तथा मांझीपारा के धर्मान्तरित 30 – 35 परिवारों के लोग ईसाई परम्परा के अनुसार ही शव को दफनाने के लिए अड़ गए।
सरपंच बलराम बघेल दलील देते रहे कि मृतका मूलतः हिंदू थी, इसलिए उसका अंतिम संस्कार भी हिंदू रीति से ही होना चाहिए। जानकारी मिलते ही एसडीएम ओपी वर्मा, तहसीलदार जयकुमार नाग, जनपद पंचायत बकावंड के सीईओ एसएस मंडावी, नगरनार टीआई नाग तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
Jagdalpur latest news अधिकारी दोनों समूहों को समझाईश देते रहे, लेकिन कोई भी पक्ष मानने को तैयार नहीं हो रहा था। सुबह 9 बजे से अपरान्ह 4.15 बजे तक हंगामा चलता रहा दोनों पक्ष अपनी जिद पर अड़े रहे। प्रशासनिक अधिकारियों की लगातार समझाईश के बाद अंततः सरपंच बलराम बघेल व ग्रामीण नरम पड़े और इसके बाद महिला के शव को दफनाया गया। इस दौरान गांव में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था।
-ग्रामीणों ने मान ली बात
समझाईश के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन की बात मान ली और महिला का अंतिम संस्कार उनकी ही विधि से संपन्न हुआ।
– जय कुमार नाग
तहसीलदार, बकावंड
हमने भावनाओं का ध्यान रखा
मृतका सैयलो पूर्व में हिंदू थी। इसलिए गांव वाले चाहते थे कि उसका अंतिम संस्कार हिंदू रीति से हो, लेकिन आखिरकार हम लोगों ने उनके परिजनों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी मर्जी के अनुरूप अंतिम संस्कार करने की सहमति दे दी।