Six MLAs of Himachal disqualified हिमाचल के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने के विस अध्यक्ष के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
Six MLAs of Himachal disqualified नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर राज्यसभा चुनाव के दौरान मतदान के लिए अयोग्य ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों की याचिका पर सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया लेकिन उनके फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने उन छह विधायकों की याचिका पर विचार करने का फैसला किया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के 29 फरवरी के आदेश पर रोक लगाने की उनकी गुहार ठुकरा दी। पीठ ने कहा कि वह इस मामले में अगली सुनवाई मई में करेगी।
पीठ ने कहा, “हम नोटिस जारी कर सकते हैं। अध्यक्ष के आदेश पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।”
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित विधायकों का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने रखा। उन्होंने अदालत से विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी।
दूसरी ओर, वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने विधानसभा अध्यक्ष का पक्ष रखा।
शीर्ष अदालत इस मामले में अगली सुनवाई छह मई 2024 को करेगी।
Six MLAs of Himachal disqualified हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 29 फरवरी 2024 को कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार ए एम सिंघवी को वोट न देने को पार्टी व्हिप का उल्लंघन मानते हुए छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। छह विधायकों में- राजिंदर सिंह राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, इंदर दत्त लखनपाल और दविंदर भुट्टो शामिल हैं। माना जाता है कि राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी।
महाजन और सिंघवी को 68 सदस्यीय विधानसभा में 34-34 वोट मिले थे। इसके बाद ‘ड्रॉ’ में श्री महाजन को विजयी घोषित किया गया था।
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याचिकाकर्ताओं ने नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिए जाने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है।