गरियाबंद। पीएम आवास के कार्य प्रगति में हुई गड़बड़ी के खुलासे के बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। मई महीने की रिपोर्ट में सामने आई अनियमितताओं की जांच जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर के निर्देश पर कराई गई। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर में जिन पंचायतों का उल्लेख किया गया था, वहां 4 सदस्यीय टीम ने देर रात तक निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की। टीम में पद्मिनी हरदेल, बुद्धेश्वर साहू, जितेंद्र पाठक और अजित शर्मा शामिल थे।
जांच रिपोर्ट के आधार पर मैनपुर जनपद सीईओ श्वेता वर्मा ने ग्राम पंचायत खजूर पदर के आवास मित्र नरोत्तम यादव, सरईपानी के धनेश्वर यादव, नवापारा के प्रमोद कुमार नागेश, बजाड़ी के दयानंद यादव, मूचबहाल के सत्यवान साहू और धोबनमाल पंचायत के रोजगार सहायक खीरसिंह बघेल को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसी केस में जियो टैगिंग निरीक्षण से जुड़े तकनीकी सहायक दीपक ध्रुव, अजित ध्रुव और प्रणय कुमार को भी नोटिस जारी किया गया है।
प्रगति रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद सरपंच और सचिव की जवाबदारी भी तय की गई है। जिला सीईओ ने दोनों को शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर धारा 40 के तहत कार्रवाई की तैयारी है।
साल 2025 में पीएम आवास योजना प्राथमिकता में आने के बाद जिले में 42 हजार आवासों का लक्ष्य तय किया गया था। अप्रैल से जून के बीच जियो टैगिंग के आधार पर प्रगति रिपोर्ट में सुधार दिखाया गया, लेकिन नए जिला सीईओ के कार्यभार संभालने के बाद कामकाज की प्रणाली बदली गई। इसी दौरान तकनीकी व फील्ड स्तर पर की गई हेराफेरी उजागर हुई।
अगले चरण में जिला प्रशासन नया प्रयोग लागू करने जा रहा है, जिसके तहत आवास की वास्तविक प्रगति की रिपोर्ट अब पंचायत सचिव प्रमाणित करेंगे। ऑनलाइन रिकॉर्ड और स्थल निरीक्षण का मिलान कर वे जिला सीईओ को जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर ने कहा कि गड़बड़ी साबित होने पर 5 आवास मित्र और एक रोजगार सहायक को बर्खास्त किया गया है। अन्य जवाबदारों से जवाब तलब किया गया है और उचित कार्रवाई की जाएगी।